छत्तीसगढ़ में गहराते कोयला संकट का असर भिलाई स्टील प्लांट(BSP) पर भी दिखने लगा है। हालत यह है कि बीएसपी के पास मात्र दो दिन ही प्लांट चलाने के लिए कोयले का स्टॉक बचा हुआ है। इसके चलते प्रबंधन ने रेल मिल का उत्पादन कम कर दिया तो वहीं ब्लास्ट फर्नेस को डाउन कमें र दिया गया है।
बीएसपी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि दो दिन के अंदर कोयले की रैक भिलाई स्टील प्लांट नहीं पहुंची तो प्लांट को करोड़ों रुपए का नुकसान होगा। कोयला संकट की वजह से यदि प्लांट पूरी तरह से बंद हो गया तो ठंडे हो चुके मिल और फर्नेस को फिर से उसी तापमान में लाने के लिए कई दिन का समय लगेगा। साथ ही इस कार्य में बीएसपी को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। कोयला संकट की वजह से प्रबंधन को ब्लास्ट फर्नेस 6 को बंद करना पड़ा। इसके अलावा ब्लास्ट फर्नेस 8 को 4-6 घंटों के लिए डाउन करने की तैयारी की जा रही है।
लगभग 30 हजार टन कोयले का बचा हुआ है स्टॉक
बीएसपी के अलग-अलग यार्ड में ढाई लाख टन कोयला स्टॉक करने की क्षमता है। वर्तमान में मात्र लगभग 30 हजार टन कोयला ही बचा हुआ है। इस कोयले से प्लांट को दो दिन तक ही चलाया जा सकता है। यदि दो दिन के अंदर कोयले की रैक नहीं आई तो प्लंट को बंद करना पड़ेगा। बीएसपी प्रबंधन अभी कोयले को अधिक समय तक चलाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके चलते बुधवार को यहां 740 पुशिंग की जगह 400 पुशिंग ही हो सकी।
रोलिंग मिल को भी बंद करना पड़ा
कोयले की कमी से कोक ओवन में गैस नहीं बन पा रही है। इससे यहां की रोलिंग मिल को बुधवार को बंद करना पड़ा। सभी कर्मचारी इस बात को लेकर परेशान रहे की आखिर रोलिंग मिल को क्यों बंद किया गया। जब उन्हें पता चला बीएसपी में कोयला संकट मंडरा रहा है तो यह बात बाहर भी आग की तरह फैल गई।