26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. माता के भक्त 9 दिन तक देवी की पूजा-पाठ, मंत्र जाप और साधना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं। शारदीय नवरात्रि (navratri) दूसरे दिन यानी कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मां दुर्गा का दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
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अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 27 सितंबर 2022, सुबह 03.08
अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 28 सितंबर 2022, सुबर 02.28
ब्रह्म मुहूर्त – सबुह 04:42 – सुबह 05:29
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:54 – दोपहर 12:42 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:06 – शाम 06:30
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में लाल रंग का ज्यादातर उपयोग करें. स्नान के बाद लाल वस्त्र पहने।
जहां कलश स्थापना की है या फिर पूजा स्थल पर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं और मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए उन्हें रोली, अक्षत, हल्दी अर्पित करें।
देवी को पूजा में लाल रंग के फूल चढ़ाएं. माता की चीनी और पंचामतृ का भोग लगाएं. फल में सेब जरूर रखें. अगरबत्ती लगाएं और देवी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
देवी ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग( bhog)
देवी ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग अति प्रिय है. देवी को इसका भोग लगाने से दीर्धायु का आशीष मिलता है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की लाल रंग शुभ माना गया ह।