Congress President Election Nomination: आज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है. लिहाजा कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रेस हटने के बाद आखिरी वक्त पर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम शामिल हो गया है. प्रमोद तिवारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि वे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे के प्रस्तावक बनेंगे. इसके साथ ही उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अब खड़गे के रेस में शामिल होने के बाद उनको नहीं लगता कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगे.
प्रमोद तिवारी का बयान ऐसे वक्त आया है जब आज सुबह दिग्विजय सिंह ने खड़गे से मुलाकात की. उसके पहले गुरुवार को अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन उन्होंने फॉर्म लिया था. अब प्रमोद तिवारी के बयान और कांग्रेस के भीतर बढ़ती सियासी हलचलों के बीच दिग्विजय सिंह नामांकन भरेंगे या नहीं, इसको लेकर संशय पैदा हो गया है.
देर रात सोनिया के घर हुई बैठक
इससे पहले गुरुवार देर रात पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर इस मसले पर अहम बैठक हुई, जिसमें प्रियंका गांधी, सचिन पायलट और केसी वेणुगोपाल समेत कई सीनियर नेता शामिल हुए. जबकि राहुल गांधी और गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े.
जी-23 ने भी की मीटिंग
एक ओर सोनिया गांधी के आवास पर ये अहम बैठक चल रही थी तो दूसरी ओर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के घर पार्टी के जी-23 नेता जमा हुए थे. यहां भी पार्टी के सीनियर नेता कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर गंभीर चर्चा कर रहे थे.
हालांकि अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर राजस्थान में जो सियासी संकट आया है, उसे लेकर भी पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है. पहले सीएम गहलोत के रेस में शामिल होने के साथ ही सचिन पायलट का सीएम बनना तय माना जा रहा था. लेकिन ऐन वक्त पर विधायकों की बगावत के कारण सीएम गहलोत अध्यक्ष की रेस से और सचिन पायलट सीएम की रेस से बाहर हो गए. लेकिन अब भी ऐसा लग रहा है कि सीएम गहलोत के रेस से बाहर होने के बाद भी राजस्थान में सियासी संकट की पिक्चर अभी बाकी है.
सामने आई कांग्रेस की अंदरूनी कलह
22 साल बाद कांग्रेस ने तय किया था कि पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होगा और इसके लिए तैयारियां भी ज़ोरों पर थी. लेकिन कांग्रेस के लिए सब कुछ ठीक नहीं रहा. गहलोत को अध्यक्ष बनाने की बात हुई तो राजस्थान में पार्टी की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गई. वहीं जी-23 की अलग बैठक होना ये बता रहा है कि अध्यक्ष पद की रेस आसान नहीं होगी. अब नामांकन के आखिरी दिन कौन-कौन पर्चा भरता है देखना दिलचस्प होगा.