रायपुर न्यूज़। गांधी जयंती के शुभअवसर पर एक व्यक्ति एक पीपल की शुरूवात इंडोर स्टेडियम में वृक्ष लगाकर किया गया। मिडिया प्रभाारी शशीकांत यदु ने बताया कि वृक्षारोपण के दौरान विधी विधान से भूमि पूजन, वृक्ष पूजन, मंत्रोचार किया गया तत्पश्चात पीपल पेड़ का वृक्षारोपण किया गया साथ ही लगाये गये वृक्ष के देखभाल हेतु ट्री गार्ड, पानी, खाद की पर्याप्त व्यवस्था की गई। संस्था का कहना है कि पीपल दिन रात आक्सीजन प्रदान करता है जो कि हमारे पर्यावरण के लिये महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा पीपल के पेड़ को अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है क्योंकि ये पेड़ कभी भी पत्ते विहीन नही होता एवं पीपल के पेड़ में अनेक लाभकारी फायदे है किन्तु पीपल और बरगद बडे़ और विशाल होते है इसलिए इसे शहरी क्षेत्र में भारी मात्रा मे काटा जा रहा है जबकि पर्यावरण के लिहाज से पीपल और बरगद सर्वोत्तम वृक्ष माने जाते है. सनातन धर्म में पीपल वृक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि पीपल में देवताओं का वास होता है।
वैज्ञानिको ने भी बताया है कि शितलता एवं आक्सीजन के लिये पीपल बहुत लाभकारी वृक्ष है पीपल एवं बरगद के फल भी जिव-जन्तु एवं पक्षीयों के लिये लाभदायक होते हैै। ग्रीनआमी के द्वारा पीपल और बरगद के संख्या को बढाने के उददेश्य से इस विशेष कार्यक्रम एक व्यक्ति एक पीपल, बरगद की शुरूवात संस्था संस्थापक अमिताभ दुबे द्वारा इंडोर स्टेडियम के पास एक पीपल लगाकर किया गया। संस्था के अध्यक्ष एन. आर नायडू ने बताया कि दुनिया में एक मात्र पीपल ही ऐसा वृक्ष है जो चौबीसों घंटे आक्सीजन उत्सर्जन करता है तथा कार्बनडायआक्साईड ग्रहण करता है।
इससे बडा मानवपकारी कौन हो सकता है। मोहन वर्ल्यानी ग्रीन विंग अघ्यक्ष ने बताया कि भगवान बोध ने पीपल के पेड़ के नीचे तपस्या की और उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोध धर्म के प्रायः सभी मन्दिरों में पीपल वृक्ष पाया जाता। इस अवसर संस्थापक अमिताभ दुबे ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रीनआर्मी यह संदेश देना चाहती है कि प्रत्येक व्यक्ति भले ही एक इकाई के रूप में कार्य करे लेकिन पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान जरूर देे। भवीष्य में भी किसी एक व्यक्ति द्वारा कि जाने वाली पर्यावरण संरक्षण गतीविधी जैसे एक- एक घर, दुकान, मोहल्ला, बस्ती, गांव को पॉलीथिन मुक्त करना एक व्यक्ति द्वारा एक हाउसिंग सोसायटी, में ड्रेन हार्वेसटींग का निर्माण एक एक गांव, वार्ड, मोहल्ला को पर्यावरण संरक्षण आदर्श बनाने की दिशा में कार्य किया जायेग।