धमतरी। CG NEWS : विजया दशमी के त्योहार के अवसर पर बुधवार को धमतरी नगर निगम से को उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब रावण दहन के दौरान रावण के दस में से एक भी सिर नहीं जला। अब पुतला निर्माण की लापरवाही पर राजेंद्र यादव सहायक ग्रेड 3 नगर पालिक निगम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके लिए आदेश जारी हो गए हैं।
धमतरी के गौशाला मैदान में 5 अक्टूबर की रात करीब 8.15 बजे रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ। 30 फीट ऊंचे रावण के पुतले में आग लगाई गई। पुतला तो एक मिनट में ही जलकर स्वाहा हो गया, लेकिन सभी सिर साबूत ही रह गए। ऐसा पहली बार ऐसा हुआ जब निगम द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव के मुख्य समारोह में रावण का एक भी सिर नहीं जला। ऐसे में मौके पर मौजूद निगम अफसरों और जनप्रतिनिधियों की हंसी उड़ने लगी। निगम के प्रभारी आयुक्त और ईई राजेश पद्मवार ने कहा कि रावण बनाने वाले को एक भी रुपए नहीं दिए जाएंगे।
कार्यक्रम के बाद 10 सिरों को नीचे उतारा गया और उसके बाद उन्हें एक जगह रखकर जलाया गया। इधर रावण दहन के दौरान दशहरा मैदान में भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। इसके पहले कोलियारी के आदर्श बाल समाज लीला मंडली के कलाकारों ने शाम 7 बजे से रामलीला का भी मंचन शुरू किया। करीब 45 मिनट तक भगवान श्रीराम और रावण के वध का मंचन हुआ। गौशाला में भारी भीड़ रावण दहन को देखने के लिए उमड़ी। हालांकि सिरों के नहीं जलने से लोग मायूस भी हुए।
दशहरा उत्सव के समापन के बाद लोगों ने एक-दूसरे को रैनी पत्ता भेंटकर पर्व की खुशियां बांटी। दशहरा मैदान में लोगों ने आकर्षक आतिशबाजी का भी लुत्फ उठाया। बिन बरसात पानी, गोल्डन सेहरा, मोती माला जैसी आतिशबाजी यहां देखने को मिली। शहर के विभिन्न वार्डों में भी दशहरा पर रामलीला का मंचन और रावण दहन हुआ। आमापारा स्थित शांति चौक पर भी वार्डवासियों ने 25 फीट के रावण का पुतला जलाया।
मुजगहन में रावण की प्रतिमा का पूजन
जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर मुजगहन में अनोखा दशहरा महोत्सव मनाया गया। यहां 20 फीट के सीमेंट से बने रावण की प्रतिमा की पूजा-अर्चना हुई। साल 2005 में 20 फीट ऊंची प्रतिमा स्थायी रूप से स्थापित की गई थी। तब से विजयादशमी पर रावण दहन के बदले उनकी प्रतिमा की पूजा होती है।