रायपुर न्यूज़। प्रोफेसर दास ने कहा मेहनत- परिश्रम से उच्च शिखर को प्राप्त किया जा सकता है। कचहरी चौक स्थित पी. जी. डागा कन्या महाविद्यालय में आज व्याख्यान माला का आयोजन किया गया l इस अवसर पर गुवाहटी ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति आर. पी. दास उपस्थित हुए l कार्यक्रम में महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य देवाशीष मुखर्जी के अलावा डागा महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संगीता घई, डॉ पद्मा शर्मा, डॉ किरण पांडे, डॉ प्रिया चंद्राकर, डॉ. आरती पांडे सहित अन्य प्राध्यापकगण सम्मिलित हुए l कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई l
इस दौरान अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ आर. पी. दास ने कहा कि हम किस परिवार से हैं, यह मायने नहीं रखता, मायने रखता है तो यह कि हमे भविष्य कैसे बनाना है l आज के समय में लड़किया लड़कों से आगे हो गई हैं l चाहे स्कूल की पढ़ाई हो या कॉलेज की, इन सबमें लड़किया ही आगे हैं I किसी संस्थान का एक भाग्य होता है, जिसका दारोमदार वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ पर निर्भर करता हैI यदि हम अच्छा करते हैं तो कॉलेज का नाम रौशन होता है जिससे कॉलेज की छवि बनती हैI मैंने महंत कॉलेज को 20 वर्ष पहले जिस रूप में देखा था, आज उससे कहीं अधिक आगे बढ़ गया है।
डागा महाविद्यालय भी दिनों – दिन उन्नती कर रहा है l इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि हम दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे तो ही अच्छा कर पाएंगे, ऐसा नहीं है l यह हमारी मेहनत पर निर्भर करता है कि हम पढ़ाई के प्रति कितना मेहनत करते हैं l उन्होंने उदहारण दिया कि जब मैंने 12 वी पास किया था तो मैंने सोचा कि मैं चाय दुकान खोल लेता हूं l मेरे द्वारा प्रयास होता गया और मैं आज कुलपति के रूप में आपके समक्ष उपस्थित हू l सपना देखना बुरी बात नहीं है, सपने को कितना साकार करते है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है l एक सिस्टम है यदि आप मेहनत करेंगे तो आगे बढ़ेंगे और नहीं करेंगे तो असफल रहेंगे l आप खुद पे विश्वास रखिए और प्रयास करते रहिए, जीवन मे सफलता अवश्य मिलेगी l
इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य देवाशीष मुखर्जी ने अपने उद् बोधन में 6+60,6-60 का उदाहरण देते हुए कहा कि अध्यन के 6 वर्षों मे यदि आप मेहनत करते हैं कि आपका आने वाला 60 वर्ष का जीवन अच्छा सुदृढ़ रहेगा l यदि मेहनत नहीं करेंगे तो जीवन के आगामी 60 वर्षों तक आपको कठिन तपस्या करनी पड़ सकती है l