घर की हर एक चीज के लिए वास्तु का महत्व है, उसी प्रकार से किसी भी पूजा के लिए भी वास्तु नियमों( vastu का पालन जरूरी माना जाता है। खासतौर पर जब करवा चौथ की पूजा की बात हो तब इसके लिए सही दिशा और स्थान जरूर है जिससे दाम्पत्य जीवन में खुशहाली बनी रहे।
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अगर आप यहां बताए कुछ वास्तु नियमों का पालन करवा चौथ की पूजा में करेंगी तो पति को दीर्घायु के साथ करियर में सफलता भी मिल सकती है।
पूजा वाले स्थान के आस-पास बाथरूम या टॉयलेट न हो
करवा चौथ की पूजा वास्तु के अनुसार ऐसी जगह पर ही करें जहां साफ सफाई हो। पूजा वाले स्थान के आस-पास बाथरूम या टॉयलेट नहीं होना चाहिए।
दक्षिण पूर्व दिशा की ओर बैठकर नहीं खानी चाहिए
वास्तु के अनुसार सरगी कभी भी दक्षिण पूर्व दिशा( disha) की ओर बैठकर नहीं खानी चाहिए इससे आपके पति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। करवा चौथ के दिन पूजा करते समय और और कथा सुनते समय मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए ।
भूलकर भी पूजा के समय मेटल या प्लास्टिक की चूड़ियां न पहनें
करवा चौथ की पूजा के समय चूड़ियों के लिए भी वास्तु नियमों का पालन करें। भूलकर भी पूजा के समय मेटल या प्लास्टिक की चूड़ियां न पहनें।