धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ( karva chauth) के त्योहार पर सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करते हुए दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन करवा माता की पूजा करते हुए शाम को चांद के निकलने पर दर्शन करते हुए अर्घ्य देती हैं और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
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करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और जीवन में तरक्की के लिए करती हैं,लेकिन कुंवारी लड़कियां भी भविष्य में मनपसंद जीपनसाथी( life patner) की मनोकामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रत में से एक माना जाता है इससें सुबह व्रत का संकल्प लेते हुए निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को चंद्रदेव के दर्शन करने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त ( subh muhrat)
शाम 05 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
13 अक्टूबर,2022 की शाम 08 बजकर 10 मिनट पर चांद के दर्शन होंगे (इस समय के आसपास देश के लगभग हर एक शहरों में चांद निकल आएगा)
ये काम न करें आज के दिन ( today)
- करवा चौथ पर धारदार वस्तु का इस्तेमाल न करें।
- करवा चौथ के दिन किसी से कोई भी मनमुटाव न रखें और अपशब्दों का प्रयोग न करें।
- झूठ बोलने से बचें।
- व्रत पारण करने के बाद तामसिक भोजन न करें।
- करवा चौथ के दिन भूलकर भी काला या सफेद रंग के कपड़े न पहनें।