छत्तीसगढ़। कोरबा जिले के कटाइनार निवासी खंभन दास दिवाकर और मनहरण दास 400 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर SECL अस्पताल बांकीमोगरा के पीछे बने जर्जर भवन में मरम्मत का काम कर रहा था। कर्मचारी द्वारा गोपनीय तरीके से ये काम करा रहा था। इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं था। काम के दौरान ही दीवार का एक हिस्साअचानक गिर गया और उसकी चपेट में आने से खंभन दास दिवाकर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। एसईसीएल अस्पताल में हुई घटना के बावजूद यहां पर उसे इलाज नहीं मिल सका. इस स्थिति में पीड़ित को ऑटो से जिला अस्पताल ले जाया गया,जहां उसकी मौत हो गई।
दीवार का एक हिस्सा गिरा।
प्रत्यक्षदर्शी मनहरण दास ने बताया कि हॉस्पिटल के पीछे एक जर्जर भवन था, जिसकी मरम्मत कर उसका नवीनीकरण करना था। दीवार का एक हिस्सा गिरने से उसके नीचे दब गया। उसे तत्काल बाहर निकाला गया, लेकिन एसईसीएल के विभागीय अस्पताल ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। उसका कहना है कि अगर उसे वहां भर्ती कर लिया जाता, तो शायद जान बच सकती थी। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कोई सहायता नहीं दी और ना ही काम कराने वाले कर्मचारी दीपक जोशी ने कोई रुचि दिखाई, जहां उसने दम तोड़ दिया।
मृतक के पुत्र राजेश दास दिवाकर ने बताया कि उसे फोन पर ही पिता की मौत की सूचना मिली। उसने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं जब मजदूर से काम करा रहे SECL हॉस्पिटल के क्लर्क दीपक जोशी से बात की गई, तो उसने बताया कि घटना की जानकारी उसे नहीं है। चूंकि वो उसके घर में पहले भी काम कर चुका था, लेकिन वो कब आया, इसकी जानकारी नहीं है।