रॉकेट साइंस की दुनिया में भारत के लिए 23 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक होगा. इसरो के अत्याधुनिक लांच वेहिकल जीएसएलवी मार्क-3 (एलवीएम-3) से वन-वेब के 36 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने जा रहा है।शनिवार रात 12.07 मिनट इस मिशन को लांच किया जाए।
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श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड पर जीएसएलवी मार्क-3 के प्रक्षेपण में अब कुछ घण्टे ही बचे है. जीएसएलवी मार्क-3 तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है. पहले चरण में ठोस और दूसरे चरण में तरल ईंधन होता है. तीसरा चरण क्रायोजेनिक इंजन होता है. यह प्रक्षेपण यान 10 टन वजनी उपग्रहों को धरती की निचली कक्षा में पहुंचाने की क्षमता रखता है
ISRO की योजना
इससे पहले इसरो ने केवल पीएसएलवी का ही प्रयोग कमर्शियल मिशनों के लिए किया है. वर्ष 1999 से अब तक इसरो ने दूसरे देशों के 345 उपग्रह लॉन्च किए हैं. वन-वेब के प्रक्षेपण के बाद यह संख्या 381 पहुंच जाएगी. अगले वर्ष इसरो इसी कंपनी के 36 और उपग्रहों का प्रक्षेपण करने की योजना है. इसरो के लिये ये एक बड़ा व्यपारिक अवसर भी कहा जा सकता है क्योंकि माना जा रहा है कि रूस पर लगे प्रतिबंधों से भारत को फायदा हुया है.