कोरबा: हाथियों से परेशान ग्रामीणों ने बनाई मारने की योजना,बताया जा रहा है कि पसान रेंज में हाथियों का काफी आतंक है। हाथियों का झुण्ड ग्रामीण इलाकों में आता है और लोगों की फसल चट कर जाता है। इससे परेशान ग्रामीणों ने हाथियों को मारने की योजना बनाई। आरोप है कि लोगों ने इलाके के जनपद सदस्य कोमल सिंह के साथ मिलकर इसके लिए रणनीति तैयार किये। में रात महुआ और धान में कीटनाशक दवा मिलाकर रख दिया गया, जिसे संभवतः हाथी के बच्चे ने खा लिया और उसकी मौत हो गई। बाद में ग्रामीणों ने मृत हाथी के बच्चे को दफना दिया।
जिले के कटघोरा वन मंडलके अंतर्गत पसान रेंज के ग्राम बनिया में हाथी के 1 साल के बच्चे को मार कर दफन करने के मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले का मुख्य आरोपी जनपद सदस्य कोमल सिंह निकला, वह पर ही फरार गया।
खुला हाथी की मौत का राज
इधर जिस जमीन में हाथी के शव को दफनाया गया था, वह जमीन उपजाऊ नहीं बल्कि पड़त भूमि थी और वहां कोई फसल लगाई नहीं जाती, मगर ग्रामीणों ने इस जमीन पर धान की फसल का थरहा लगा था। जब कुछ ग्रामीणों ने इस बंजर जमीन पर धान की फसल देखी तो उन्हें अचरज हुआ। जिज्ञासावश वे भूमि की पड़ताल करने लगे,और मिट्टी को हटाया गया। नीचे जमीन पर जब हाथी के अंग नजर आए तो इसके तत्काल वन अमले को सूचना दी गई। इस तरह हाथी को मारकर दफ़नाने का राज खुल गया।
वन अमले को भनक तक नहीं लगी
पसान क्षेत्र में मौजूद हाथियों पर लगातार निगरानी रखने का दावा करने वाले वन अमले को इस बात की भनक तक नहीं लग सकी कि हाथी का एक बच्चा झुण्ड से गायब है। हाथी अपने बच्चे को संरक्षण देते हुए साथ रखते हैं और अपने से अलग नहीं करते, लेकिन एक बच्चे के गायब हो जाने की जानकारी नहीं हो पाना वन अमले की बड़ी चूक है और यह वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल लगाता है।
मौके से फरार हुआ मुख्य आरोपी
इस पूरे मामले में मुख्य भूमिका इलाके के जनपद सदस्य कोमल सिंह की बताई जा रही है, जो कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गया है। वन अमले ने हाथी के बच्चे की हत्या के मामले में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत 12 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है, वहीं मुख्य आरोपी फ़िलहाल फरार है।