रायपुर। रोशनी के त्योहार दीवाली( Diwali) पर पटाखों की रौनक न दिखे तो त्योहार अधूरा सा लगता है। बच्चों के साथ बड़ों को भी दीपावली ( diwali)में फूलझड़ी और पटाखें जलाने में बेहद आनंद आता है। पटाखें जलाते समय बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है।
सुपरफिशल बर्न में जलने के बाद छाला हो जाता है, जबकि डीप बर्न में शरीर का जला हिस्सा सुन्न हो जाता है। अगर जले हुए हिस्से पर दर्द या जलन हो रही है तो इसका मतलब हालत गंभीर नहीं है। ऐसे में जले हुए हिस्से को पानी की धार के नीचे तब तक रखें जब तक जलन कम न हो जाए। इससे न सिर्फ दर्द कम होगा, बल्कि छाले भी नहीं होंगे। जले हुए हिस्से पर बरनॉल न लगाएं, बल्कि उस पर ऑलिव आइल लगाएं।
दीवाली( Diwali ) पर पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
1.हमेशा खुले मैदान या खुले स्थान पर ही पटाखे( cracker) जलाएं। पटाखा जलाने से पहले आसपास देख लें कि कोई आग फैलाने वाली या फौरन आग पकड़ने वाली वस्तु तो वहां नहीं है।
2.जितनी दूर तक पटाखे की चिंगारी जा सकती है, उतनी दूरी तक छोटे बच्चों को न आने दें। पटाखा जलाने के लिए अगरबत्ती या लकड़ी का इस्तेमाल( use) करें ताकि पटाखे से आपके हाथ दूर रहें और जलने का खतरा न हो।
3.रॉकेट( rocket) जैसे पटाखे जलाते वक्त यह देख लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाजे या किसी खुली बिल्डिंग की तरफ न हो। यह दुर्घटना का कारण बन सकता है। पटाखे जलाते वक्त पैरों में जूते-चप्पल जरूर पहनें।
4.अकेले पटाखे जलाने के बजाय सबके साथ मिलकर पटाखे जलाएं जिससे आपात स्थिति में लोग आपकी मदद कर सकें।