रायपुर। CG BREAKING : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम राज्योत्सव एवं आदिवासी नृत्व महोत्सव की तैयारियों का जायजा लेने साइंस कॉलेज मैदान पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि 1 से 3 तारीख तक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग विभागों द्वारा स्टाल लगाए जाएंगे। सभी की तैयारियां जोरों से चल रही है 3 दिन में यह बनकर तैयार हो जाएगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि 15 साल उनको मौका मिला। उनके समझ में जो आया वो उन्होंने किया। पूरे बस्तर के आदिवासियों को तो वह नक्सली समझते थे। गोलियां भी चलाते थे उनके सीने में और और जेल के अंदर में बंद भी करते थे तो यह उनकी दृष्टिकोण थी। हमारी दृष्टि यह है कि बस्तर, सरगुजा क्षेत्र हो यहां लगभग 41 जनजाति निवास करते हैं और उनके अपनी बोली है संस्कृति, परंपराएं हैं और उन परंपराओं को उसके नृत्य, संगीत है इन सब के साथ वह अपना जीवन यापन करते हैं और उसके साथ साथ देश और दुनिया के जो ट्राईबल है उनके भी संस्कृति का यहां एक संगम होगा। जिसमें सभी लोग अपने कार्यक्रमों को दिखाएंगे। इससे देश और दुनिया के जो जनजाति संस्कृत संस्कृति है उसे जानने का और छत्तीसगढ़ की गौरवशाली जो हमारी परंपरा और संस्कृति है आदिवासियों की उसे देश और दुनिया जाने, उसके लिए यह आयोजन है।
आरक्षण के मामले पर सीएम ने कहा कि
डेटा कमीशन बनाए थे उसका रिपोर्ट आने पर तत्काल करेंगे उसकी प्रक्रिया हम लोगों ने तय कर लिया है। अधिकारियों से भी बातचीत हो गई है। आदिवासियों की जो प्रतिनिधि आए थे उन लोगों से भी चर्चा की गई है। पिछली सरकार के गलत कर्मों के कारण से यह स्थिति निर्मित हुई है और पूरा विश्वास आदिवासियों का यह सरकार ही उस समस्या का निदान ढूंढेंगी।
भाजपा द्वारा लिए जा रहा है विधानसभा वार बैठक पर सीएम ने कहा कि
अच्छी बात है बैठक करना चाहिए, मुझे पता चला है पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह खूब डांट पड़ी है। उनको बोला गया है कि अकेले दौरा नहीं करेंगे। बीजेपी में गुटबाजी लगातार उभर कर सामने आ रही है। उनको दबाने की कितनी भी कोशिश कर ले। पुरंदेश्वरी की छुट्टी हो गई है। दूसरे और तीसरे प्रभारी जो आए हैं गुटबाजी कितना संभाल पाते हैं।
नोटों की छपी तस्वीरों पर देश में हो रही राजनीति पर सीएम ने कहा कि
नोटों पर किस की तस्वीरें होगी यह भारत सरकार तय करती है, लेकिन अभी वोट की खातिर केजरीवाल ने यह शिगूफा छोड़ा है, बैठकर जब बातचीत कर रहे थे प्रेस के लोगों से तब एक तरफ भगत सिंह और दूसरी तरफ अंबेडकर जी की फोटो लगी थी, अगर दोनों महापुरुष जिंदा होते तो उनके समक्ष यह बातें क्या केजरीवाल कहां पाते? जहां-जहां चुनाव केजरीवाल को लड़ना होता है उसके लिए भावनात्मक कार्ड केजरीवाल खेलते हैं। वोट समेटने की कोशिश कर रहे हैं इसके अलावा कुछ नहीं है। पहले बोले थे यमुना जी के सफाई करने की बात केजरीवाल जो कहते हैं वह करते नहीं हैं। लक्ष्मी और गणेश के पैर पकड़कर बेतरीनी पार करना चाहते हैं।