पावन पर्व छठ पूजा की शुक्रवार( friday) से शुरुआत हो गई है. चार दिन तक चलने वाले इस पावन पर्व का आज यानी शनिवार को दूसरा दिन है। यह नहाय खाय के बाद दूसरा दिन खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन छठ पूजा करने वाले व्रती रसियाव-रोटी का प्रसाद भोजन में ग्रहण करते हैं।
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छठ पूजा के दूसरे दिन( second day) जब खरना किया जाता है तो इसमें शाम तक तो व्रत ही रहता है. इसके बाद सूर्य अस्त होने के समय में उनकी पूजा की जाती है और उन्हें प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस दौरान परंपरा के अनुसार सूर्यदेव का प्रतिरूप लकड़ी के पटरे पर स्थापित किया जाता है. फिर इन्हीं सूर्यदेव के साथ कुलदेवता और कुलदेवी की पूजा करते हुए सभी को प्रसाद चढ़ाया जाता है।
भगवान सूर्य की प्रतिमा को अंतिम स्वरूप देने में जुटे कलाकार
छठ पूजा/( chhath puja) के दौरान गंगा घाट और मंदिरों के पास भगवान सूर्य की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। बाढ़ क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों के द्वारा रात दिन लगकर अपने पूरे परिवार के साथ प्रतिमा को अंतिम रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। लोग मेहनत से खूबसूरत मूर्ति बनाते हैं।