रायपुर के पत्रकार सुनील नामदेव हमेशा विवादों मे रहते है. राष्ट्रीय चैनल से निकाले जाने के बाद इंडिया टुडे ग्रुप के नाम का फर्जी तरीके से उपयोग करते हुए वह लोगों को ठग रहा है. ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद, उनके खिलाफ इंडिया टुडे ग्रुप की तरफ से एफआईआर दर्ज कराया गया था. जमानत में बाहर आने के बाद सुनील ने इंडिया टुडे से मिलते जुलते नाम पर एक पोर्टल खोला है. पोर्टल के दफ्तर का कोई अता – पता नहीं है. जो पता पोर्टल में दिया गया है वो भी आधा अधूरा और फ़र्ज़ी है. यही नहीं इंडिया टुडे की तरफ से रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर थाने में इंडिया टुडे ग्रुप की लीगल काउंसिल की ओर से एक शिकायती पत्र पुलिस को सौंपा गया था.
जिसकी जांच के दौरान पुलिस ने आवेदक का कथन लिया है. कथन में आवेदक ने बताया कि साजिद हाशमी के साथ मिलकर सुनील नामदेव ने इंडिया टुडे से मिलते जुलते नाम के एक पोर्टल को न्यूज चैनल बता कर रायपुर के कुछ लोगों को ठगा है, इस तरह वह नामी कंपनी की छवि धूमिल करने का कार्य कर रहा है. ये दोनों व्यक्ति इंडिया टुडे न्यूज़ कम्पनी से अधिकृत व्यक्ति नहीं हैं. ये कंपनी के नाम/लोगो (चिन्ह) का अनाधिकृत उपयोग कर बड़े अधिकारियो और कारोबारियों से अवैध वसूली /ब्लैकमेलिंग/छल कर अनुचित लाभ प्राप्त कर रहा हैं. पुलिस ने साजिद हाशमी और सुनील नामदेव के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध पाए जाने पर थाना राजेंद्रनगर में अपराध क्रमांक 80/2020 धारा 419,468,471,34 ipc पंजीबद्ध कर लिया था.
नहीं आया अपनी हरकतों से बाज़
वही अभी भी सुनील अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया है और लोगो को टारगेट कर मानसिक तौर पर परेशान कर अवैध उगाई कर रहा है. ये सब अवैध कार्य वह शहर में भूमिगत रहते हुए चोरी छुपे कर रहा है, जमानत से बाहर आने के बाद से वह आज तक किसी सार्वजानिक कार्यक्रम में नज़र नहीं आया है और न ही उसका पुराना मोबाइल नंबर चालू है यहाँ तक उसके करीबी लोगो के पास भी उसका वर्तमान नंबर नहीं है. ऐसे में इन संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता की वह अभी भी अपनी हरकतों से बाज़ आ गया है.
अवैध वसूली का मास्टर
अपने पद का दुरुपयोग सुनील नामदेव ने किस प्रकार से किया है , इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भोपाल से यहाँ आने के बाद जब उसके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था तब उसने पुराने सर्किट हाउस में एक कमरा अपने नाम से बुक कर रखा था . जिसे उसने लम्बे समय तक अपनी अय्याशीयो के लिए प्रयोग किया. राजधानी में एक मकान भी किराये पर न ले पाने वाला यह पत्रकार चंद सालो में ही इतना अमीर हो गया कि आज उसके पास शहर के कई पाश इलाको में आलीशान घर है . ये सब सम्पत्तियां उसने मीडिया हाउस की आड़ में आला अफसरों , जनप्रतिनिधियों और बड़े कारोबारियों को ब्लैक मेलिंग करके कमाया है.
माना पुलिस ने अवैध वसूली के मामले में प्रसिद्ध चैनल में काम कर चुके सुनील नामदेव को गिरफ्तार किया है. आरोपी के खिलाफ धारा 384 के तहत पुलिस ने कार्रवाई की है. सुनील नामदेव सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों को धमकी, चमकी देकर अवैध वसूली में करने का आरोप है.
सुनील की वसूली को लेकर विगत कई महीनों से पुलिस को शिकायत मिली थी. लेकिन उसकी गिरफ्तारी तब हो पाई जब एक रेस्टोरेंट चलाने वाले ने लिखित शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस आरोपी के घर छापा मारने पहुंची. छापे के दौरान घर के अंदर कई ऐसी सुविधाएं मिली जिसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई. फिलहाल सुनील नामदेव से पूछताछ जारी है.
खा चुका है जेल की हवा
पत्रकार सुनील नामदेव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस पर रेस्टोरेंट संचालक से अवैध वसूली करने का आरोप लगा था. पीटीएस चौक स्थित एबोय एन्ड बियोन रेस्टोरेंट के संचालक सर्वेश द्विवेदी ने माना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद माना पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर अवैध वसूली के केस में जेल भेजा था.
सरकार गिराने की करता है साजिश
सुनील नामदेव के करीबी लोगो का कहना है कि वह इससे पहले भी इंदौर, दिल्ली, भोपाल जैसे शहरों में पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करता रहा है. प्रदेश में जो भी सरकार रहती है उसे गिराने के लिए भी षड़यंत्र करने में इसकी भूमिका समय समय पर उजागर होती रही है. यहाँ आकर वह फ़र्ज़ी पोर्टल के माध्यम से अपने काले कारनामो को अमलीजामा पहनाने में लगातार लगा हुआ है. ऐसे कथित पत्रकार की सदस्यता समाप्त करने के लिए रायपुर प्रेस क्लब को गंभीरता से विचार करना चाहिए, ताकि समाज में पत्रकारों की छवि धूमिल होने से बच सके.