रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( CM baghel) ने प्रदेशवासियों को 23वें राज्य स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं( best wishes) दी है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए हमारे पुरखों ने जो सपना देखा था, उन सपनों को साकार करने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़( chhattisgarh) सरकार ने पिछले चार वर्षों में लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए अनेक नवाचारी कार्यों की शुरूआत की है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि राज्य की बागडोर संभालते ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने का काम हमने किया। किसानों की कर्ज माफी और उन्हें उपज की वाजिब कीमत दिलाने की पहल की। जल, जंगल, जमीन से जुड़े वनवासियों को वनाधिकार पट्टे, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दिए गए, अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून को प्रभावी बनाया गया है। किसानों और ग्रामीणों को राज्य की अर्थव्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सुराजी गांव योजना शुरू की। गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के लिए महिला समूहों को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से जोड़ा गया। अब इस कार्य को और आगे बढ़ाते हुए गौठानों में रूरल इण्डस्ट्रीयल पार्क बनाए जा रहे हैं। इसका सीधा फायदा युवाओं को मिल रहा है। इससे गांवों में रोजगार के नये-नये अवसर बढ़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य है जो कोदोे, कुटकी, रागी की खेती
छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य है जो कोदोे, कुटकी, रागी की खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सब्सिडी दे रहा है। गोधन न्याय योजना में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ-साथ अब गौ-मूत्र की खरीदी की जा रही है। मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत नागरिकों को घर बैठे शासकीय दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर में रियायती मूल्य पर जरूरतमंदों को दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है।
1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गई
आज से 20 साल पहले 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गई थी। उस समय केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी।इस दौरान केंद्र सरकार ने तीन नए राज्यों की स्थापना की, जिसमें छत्तीसगढ़ के साथ, बिहार से अलग झारखंड और उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया गया था।
35 साल आंदोलन के बाद मिला राज्य
छत्तीसगढ़ी समाज के कार्यकर्ताओं ने 35 साल तक अनवरत आंदोलन जारी रखा. 1999 में विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल ने पृथक राज्य छत्तीसगढ़ का समर्थन करते हुए आंदोलन को और गति दी।