अवैध कारनामों की लम्बी फेहरिस्त
रायपुर। जमानत पर जेल से छूटे पत्रकार सुनील नामदेव के अवैध कारनामो की लम्बी फेहरिस्त है, मीडिया की ताकत का उसने भरपूर फायदा उठाया है। इस दौरान उसने प्रदेश के एक निलंबित आईपीएस से इतने करीबी संबंध बना लिए कि उसके रायपुर में पदस्थ रहते हुए सुनील ने ब्लैकमेलिंग के अलावा शहर के अनेक स्थानों में विवादित भूखंडो पर भी अवैध कब्ज़ा कर डाला. इस आईपीएस के राजधानी में रहते हुए सुनील ने ऐसे – ऐसे कार्यो को अंजाम दिया जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता। इस दौरान ” सैया भये कोतवाल तो डर काहे का ” की तर्ज पर काम करते हुए सुनील ने प्रताड़ित लोगों की किसी भी थाने में कोई सुनवाई नहीं होने दी।
घर और दफ्तर में सर्च वारंट पर हुई थी जांच
अवैध वसूली के मामले में जमानत पर चल रहे पत्रकार सुनील नामदेव के घर और ऑफिस में लगभग डेढ़ साल पहले कोर्ट के सर्च वारंट के आधार पर पुलिस ने तलाशी ली। इस दौरान पुलिस को मकान में बाघ की आकृति का एक ट्रॉफी मिला था। जिसके ऊपर वन्य प्राणी का खाल लगा हुआ था।
बुलवाना पड़ा था वन अमले को
पुलिस ने इसकी जांच के लिए वन अमले को भी बुलाया। वन अमले ने ट्राफी बरामद कर इसकी जांच कर रहा है। जांच के बाद ही यह साफ हो सकेगा, कि ट्राफी में लगा खाल असली है या नकली। वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जप्त ट्रॉफी की लंबाई 2.82 मीटर ऊंचाई 0.95 और गोलाई 1.35 मीटर है। इस मामले में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच रिपोर्ट का आज तक पेश न होना भी मामले को संदेह के दायरे में ला रहा है।
ऊंची पहुंच की धौंस दिखाकर किया था, अवैध निर्माण
सुनील नामदेव के फार्म हाउस पर बुलडोजर चल गया था। VIP रोड में 20 हजार वर्ग फुट में बने फार्म हाउस को तोड़े जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं है जो अभी भी विवादों में है। हालांकि इसे रूटीन कार्रवाई बताकर NRDA ने फार्म हाउस के आस-पास बने 5 मकान और गिरा दिए, मकान मालिकों को नोटिस भी जारी किया गया है। इस मामले में पत्रकार सुनील का दावा है कि करीब 4 महीने पहले उसे NRDA ने नोटिस दिया था, जिसमे कहा गया था कि उसका कंस्ट्रक्शन अवैध है।
स्टिंग ऑपरेशन को बनाया ब्लैकमेल का जरिया
सुनील नामदेव ने छत्तीसगढ़ के कुछ चर्चित राजनीतिक षडयंत्रों का स्टिंग कर लिया था। इसके अलावा भ्रष्टाचार और कोयले से होने वाली अवैध उगाही का स्टिंग किया था । यह बात सामने आने पर नेशनल चैनल से सुनील को हटा दिया गया था। इसके बाद उसने अपनी वेबसाइट चलानी शुरू कर दी। उस पर अवैध उगाही के भी कई आरोप लग चुके हैं। माना पुलिस ने एक होटल व्यवसायी को धमकाने के मामले में उसे गिरफ्तार किया था। कुछ महीने सुनील ने जेल में बिताए, इसके बाद उसे जमानत मिल गई। जेल से बाहर आने के बाद वह फिर अपने पुराने धंधे ( ब्लैकमेलिंग ) में लग गया है।