बिलासपुर : CG NEWS : बिलासपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वन विभाग के वनपाल को घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी वनपाल को घूस की रकम लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. बिलासपुर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम और वन विभाग सीसीएफ उड़नदस्ता टीम ने यह कार्रवाई की है।
आरा मिल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए मांगी थी घूस:
वनपाल गजेंद्र गौतम ने आरामिल लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. मिल मालिक ने रिश्वत की पहली किस्त 33 हजार 8 सौ रुपये दिए थे. उसके बाद वह घूस की दूसरी किश्त 16 हजार दो सौ रुपये लेने के लिए पहुंचा था. तभी एसीबी की टीम ने रंगे हाथों उसे पकड़ लिया।
ये है पूरा मामला:
बिलासपुर के उसलापुर में सत्यव्रत प्रधान की लकड़ी फर्नीचर की दुकान है. जहां उनका आरा मिल भी है. कोरोना काल के दौरान उन्होंने आरा मिल का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराया था. इसकी वजह से बिना नवीनीकरण कराए ही उन्होंने काम शुरू कर दिया. हालांकि उन्होंने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन दे दिया था और प्रक्रिया चल रही थी.
ऐसे हुई गिरफ्तारी:
लेकिन वन विभाग से लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए सीसीएफ कार्यालय में तैनात वनपाल गजेंद्र गौतम पर पचास हजार रुपये घूस मांगने का आरोप फर्नीचर दुकान के मालिक ने लगाया है. उसने कहा कि गजेंद्र गौतम को उसने घूस की पहली किस्त दी. दूसरी किस्त के समय उसकी गिरफ्तारी हो गई. दुकानदार का आरोप है कि गजेंद्र गौतम 29 सितंबर को उनकी दुकान पहुंच गया. आरा मिल का लाइसेंस नहीं होने और नवीनीकरण कराने के लिए उसने 50 हजार रुपए की मांग की थी. तब उसे मिल मालिक सत्यव्रत प्रधान ने 38 हजार 8 सौ रुपए दिए थे बाकी के रुपए के लिए दोबारा वह शुक्रवार को पहुंचा था. तभी एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया।