कांकेर। CG NEWS : जिले के अंतागढ़ ब्लाक के ग्राम कुर्रुटोला में आदिवासी समाज के दबाव के आगे प्रशासन को झुकना ही पड़ा और अंततः मृतिका चैती बाई जिसकी मृत्यु पीलिया की वजह से चार दिन पहले हुई थी जिसे उसके घर के पट्टे वाली जमीन में दफ़न किया गया था उसे पुनः खोद कर आज निकाल लिया गया , जिसे अब अंतागढ़ के ईसाई कब्रिस्तान मे दफनाया गया।
मामला एक नवंबर से शुरू हुवा एक नवंबर को चैती बाई नरेटी लंबी बीमारी जिसे पीलिया होना बताया जा रहा था उसने दोपहर दो बजे अपने घर में दम तोड दिया। चूंकि महिला का परिवार मतांतरित होकर मसीह समाज में आस्था रखता था साथ ही आदिवासी परंपरा व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में नही आता था इसलिए गांव के गायता द्वारा उन्हें चैती बाई के शव को गांव में न दफनाकर किसी ईसाई कब्रिस्तान में जाकर दफनाने की सलाह दी।
किंतु उसी रात करीब 12 बजे चैती बाई के पुत्रों ने चैती बाई को उसी के घर से लगी बाड़ी जो की चैती बाई के पट्टे की ही ज़मीन में आती है, उसमे दफ़न कर दिया। सुबह 2 नवंबर को जब यह बात ग्रामीणों को पता चली की चैती बाई के शव को गायता के मना करने के बाद भी अपने बाड़ी में दफन कर दिया है, तो ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध करना शुरू कर दिया, शाम तक ग्रामीण मृतिका चैती बाई के घर के सामने फावड़ा गैंती आदि लेकर पहुंच चुके थे, उनका कहना था अगर चैती बाई के शव को घर वाले निकालकर गांव की सीमा से बाहर नहीं ले जाएंगे तो हम खुद शव खोदकर बाहर निकाल देंगे।
मामले की जानकारी जब आमाबेड़ा थाने तक पहुंची तब आमाबेड़ा प्रभारी ने लोगों से कानून अपने हाथों में नही लेने का आग्रह किया, थाना प्रभारी ने कहा की इसका फैसला कल करेंगे अभी रात होने को है, कल एसडीएम सहित अन्य अधिकारीयों के साथ बैठकर इसका समाधान निकाला जाएगा।
किंतु 3 नवंबर को आमाबेड़ा परगना से सैकड़ों की संख्या में लोग बाजार चौक में जमा होने लगे, एक सभा के रूप में लोगों ने भाषण भी दिया जिसमे पूर्व विधायक भोजराज नाग, गुप्तेश उसेंडी, सतलाल दुग्गा सहित अन्य सामाजिक लोगों ने संबोधन किया, उसके बाद सभा एक रैली को शक्ल में आमाबेड़ा थाने के सामने धरने पर बैठ गई।
इनकी मांग थी की चैती बाई के शव को वापस निकालकर किसी क्रिश्चन कब्रिस्तान ले जाएं अन्यथा वो सारी रात थाने के सामने बैठे रहेंगे। वहीं रात करीब आठ बजे आमाबेड़ा थाने में अंतागढ़ के एसडीएम एस पैकरा व कांकेर के डीएसपी मौजूद थे। मृतिका के बेटे मुकेश नरेटी ने बताया की रात को उसे थाने में बुलाकर लोगों से माफी मांगने कहा गया, जब मुकेश ने इस बात के लिए मना किया की बिना गलती के मैं माफी किसलिए मांगू तो आमाबेड़ा थानेदार हरिशंकर ध्रुव ने मुझसे मार पीट की और दबाव बनाया की लोगों से माफी मांगी।
जबकि इस विषय में आमाबेड़ा थाना प्रभारी हरिशंकर ध्रुव से बात करने पर उन्होंने मुकेश द्वारा की गई शिकायत को एक तरफा खारिज कर दिया, जबकि इस विषय में मसीह समाज के लोगों सहित मुकेश ने कांकेर जाकर एसपी शलभ सिंहा को इस विषय में ज्ञापन सौंपा है।
अंततः ग्रामीणों के दबाव में आकर आज चैती बाई के शव को वापस खुदवा कर निकाला गया, और आमाबेड़ा में पोस्टमार्टम कर अंतागढ़ के मसीह कब्रिस्तान में भेजा जाएगा।
अब मसीह समाज इस विषय को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहा है की प्रशासन कैसे बिना किसी परिवार के मर्ज़ी के खिलाफ कोई अपने खुद के पट्टे की जमीन से कब्र खोदकर कहीं और दफनाने भेज सकता है। समाचार लिखे तक चैती बाई के शव को आमाबेड़ा में ही रोक कर रखा गया है, क्योंकि चैती बाई के परिवार के लोग कांकेर एसपी कार्यालय इस मामले की शिकायत करने गए हुए हैं, और आमाबेड़ा थाने में उन्हें बुलाया गया है उसके बाद ही अमाबेडा से अंतागढ़ के मसीह कब्रिस्तान में चैती बाई के शव को लाया जाएगा।