BHAGTI NEWS : भनपुरी में आयोजित श्रीरामचरितमानस यज्ञ समारोह के आठवें दिन अयोध्या से पधारे मानस मर्मज्ञ आचार्य हरि तिवारी महाराज ने श्रीरामचरितमानस यज्ञ मैं किष्किंधा कांड एवं सुंदरकांड के तहत बाली उद्धार, सीता खोज एवं लंका दहन की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि संसार में ऐसा कोई भी कठिन कार्य नहीं है जो हनुमान जी के द्वारा संभव ना हो! हनुमान जी का एक नाम संकट मोचन है! वे अपने नाम को सार्थक करते हुए दरिद्र व्यक्ति से लेकर भगवान तक संकट दूर करने अग्रणी भूमिका निभाई है! एक संत अनेक बल का बखान करते हुए कहते हैं कि एक हजार हाथी का बल एक दिग्गज में होता है, दस हजार दिग्गज का बल् इंद्र के एरावत हाथी में होता है,दस हजार एरावत हाथी का बल एक इंद्र में होता है,दस हजार इंद्र का बल भगवन हनुमान की सबसे छोटी वाली उंगली में होता है! रावण ने अपनी पत्नी महारानी मंदोदरी के लिए एक ऐसा कक्ष बनवाया था जिसमें घुसने की हिम्मत यमराज भी नहीं करते थे! उस कक्ष का नाम सुनकर यमराज को कपकपी आ जाती थी! लेकिन वाह रे हनुमान यमकतार कक्ष को तोड़कर महारानी मंदोदरी को बाहर निकाल दिया! एक बार हनुमान जी सूर्य भगवान के पास गणित, ज्योतिष,वेद आदि की शिक्षा लेने गए थे! सूर्य भगवान ने उन्हें चलते हुए कहा कि मैं सदैव गतिमान रहता हूं पढ़ने -पढ़ाने के लिए आमने सामने होना जरूरी है।
तो बजरंगबली ने कहा आप अपने रथ बढ़ाते रहिए मैं उल्टे पैर से दौड़ कर आपके आमने-सामने पढ़ाई कर लूंगा,भगवन हनुमान ऐसा किया ! दक्षिणा के रूप में भगवान भास्कर ने हनुमान से कहा कि मेरे शिष्य सुग्रीव की ऋषिमुख पर्वत पर जाकर उनकी रक्षा करना! महाराज ने कहा कि श्री हनुमान जी को प्रसन्न करना हो तो राम गुण का गायन ही श्रेष्ठ उपाय है! संसार में जहां-जहां भी भगवन श्री राम की कथा होती है, भगवन हनुमान महाराज सूछम रुप से वहां जाकर श्री राम जी की कथा श्रवण करते हैं! प्रभु श्री राम के गुणगान से हनुमान अत्यधिक प्रसन्न होते हैं भगवन जामवंत ने हनुमान को जगाने के लिए उनकी अनेक प्रकार से प्रशंसा की एवं उनके बल का बखान भी किया! फिर भी हनुमान नहीं जगे! जब जामवंत ने यह कहा कि हे हनुमान तुम्हारा जन्म ही राम काज के लिए हुआ है इतना सुनते ही हनुमान जगे ही नहीं पर्वताकार हो गए और सिंहनाद करने लगे! सीता की खोज लेने के लिए प्रभु श्री राम ने हनुमान को भी अपना बाण बनाकर भेजा! मानो माता सीता को यह संदेश दिया की जयत के चंचु प्रहार के समय मैंने तिनके का बाण को लगाया था अब तुम्हारे लिए हनुमान रूपी बाण लगाया हूं बंदर को भी मृग की तरह सांखा मृग कहा जाता है! मानो श्री राम ने माता सीता को यह संदेश दिया पहले वाला सुनहरा मृग तो नकली था इस मृग की परीक्षा तापाकर लेना जगत जननी मां पर परमबा भगवती सीता के द्वारा जो आशीर्वाद हनुमान महाराज को प्राप्त है ऐसा आशीर्वाद विश्व में किसी को भी प्राप्त नहीं है।
आठों सिद्धियां एवं नव विधियां हनुमान के करतल हैं! कथा के मध्य महाराज ने अनेक सुमधुर भजनों का गायन किया!आज की कथा में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा, सर्व ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष ललित मिश्रा, समाजसेवी रविंद्र सिंह आदि ने महाराज का पुष्पहार पहनाकर का स्वागत किया! आज की कथा में रुकुम लाल वर्मा, जीत सिंह, कमलेश मिश्रा, राजेश मिश्रा, देवी शंकर तिवारी, चंदन पाठक, जे. पी. सिंह, बालकृष्ण कोठरी, शेखर साहू, चेतन यादव, बृजलाल धीवर,मनोज वर्मा, विपिन शुक्ला, राजा मिश्रा, सरकार, रवि मिश्रा, राखी मिश्रा, गायत्री सिंह,रेखा मिश्रा, साधना सहित अनेक श्रोतागण उपस्थित थे! यह जानकारी मीडिया प्रभारी अजय साहू ने दी।