BREAKING NEWS : गरियाबंद। के देवभोग में 5 माह पहले रनिंग वाटर योजना लागू किया गया था. जिसके तहत सवा 3 करोड़ खर्च कर 218 स्कूल व 106 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेय जल व्यवस्था के लिए पम्प टैंक व टैब का कनेक्शन किया गया था।कुल 324 जगहों पर लगाए गए थे पर देख रेख के अभाव में इनमें से 100 में भी पीने का पानी नही निकल रहा है। दरअसल इस योजना के लिए 85 फीसदी रकम जलजीवन मिशन से खर्च हुए 15 फीसदी रकम पँचायत के 15 वे वित्त मद से दिया गया।रिकार्ड के मूताबिक कार्य का एजेंसी ग्राम पँचायत है.
पर कमीशन के खेल में सारा काम अफसरों ने नियम को ताक में रखकर अपने वक चहेते फर्म को दिया।काम कराने की जिमेदारी पीएचई विभाग की थी।काम मे भारी मनमानी हुई,मानक स्तर के सामग्री नही लगाए गए,जन्हा बिजली नहीं लगे वहाँ पर भी पम्प व स्टेबलाइजर को शो पीस के लिए खपाया गया।मनमानी देख पँचायत ने दूरी बना लिया, रखरखाव को भी अनदेखी कर दिया।
जब स्कूल खुले तो आधा से ज्यादा जगह कनेक्शन के टैंक टूटे हुए थे,विधिवत हैण्डओवर नही होने का हवाला देकर शिक्षा विभाग ने भी मरम्मत के लिए हांथ खड़ा कर दिया।इतनी महत्वपूर्ण योजना में मनमानी के अलावा सामंजस्यता का अभाव दिखा और योजना शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो गया।मामले में अफ़सरो ने चुप्पी साध लिया है। ऐसे में बच्चों का भविष्य क्या होगा। बस परेशानी ही परेशानी है।