गरियाबन्द ;–/// आज सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का 553वां प्रकाश पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. सभी समाजों द्वारा गुरुनानक देव जी का यह संदेश, ‘एक पिता एकस के हम बारक़ और अव्वल अल्लेह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे, एक नूर ते सब जग उपजया कौन भले को मंदे’ अक्सर सुनने को मिल जाते हैं. ऐसे गुरु के प्रकाश पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है ..” आज सुबह 5:30 बजे नगर में प्रभात फेरी निकाली गई वही इस अवसर पर गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन बजते हैं और गुणवाणी का पाठ किया जाता है. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर हर साल पूरी दुनिया में गुरु पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु नानक देव ने एकता, भाईचारा और जातिवाद को मिटाने के कई उपदेश दिये हैं, सुबह से ही गुरुद्वारे में भक्तों का आना शुरू हो गया। पूरे दिन गुरुद्वारे में लंगर चला जिसमें पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
नानक देव जी ने ‘एक ओंकार’ का संदेश फैलाया जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है और हर जगह मौजूद है- गफ़्फ़ू मेमन नपा अध्यक्ष
श्री मेमन ने कहा गुरुनानक देव जी ने हमें प्रेम, एकता और भाईचारे का अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। हमें शिक्षाओं से सत्य, बलिदान और नैतिक आचरण जैसे शाश्वत मूल्यों को अपनाना चाहिए।साथ ही नपा अध्यक्ष ने गुरुद्वारे के जीर्णोधर me योगदान लिए सामने me चेकर नाली निर्माण एवं एक वाटर कूलर लगाने की बात कही साथ ही गुरुद्वारे में लंगर परोसा और सभी के साथ बैठ लंगर का स्वाद चखा
दो नन्हे भाई अमृत सिंग राठौर और गुरुविन्द्र सिंग राठौर ने गाया कीर्तन सभी का मन मोह लिया
गुरुद्वारा के ज्ञानी करमजीत सिंग राठौर के दोनों बच्चों ने हारमोनियम पर जब कीर्तन किया दर्शन करने आये शाधालुओं में देखते ही माहौल बन गया दोनों बच्चों के गीत और भजन ने सबका मन मोह लिया
नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा परिसर में सुबह से ही महिलाओं ने कीर्तन-भजन के साथ कोरोना से पूरे विश्व को उबारने की प्रार्थना की गई। दिनभर गुरु का लंगर छकने का दौर चलता रहा। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सूरजीत सिंह कुकरेजा ने कहा कि प्रकाश पर्व गुरु नानक जी के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं। सिक्खों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को राय भोई की तलवंडी (राय भोई दी तलवंडी) नाम की जगह पर हुआ था,
जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है। इस जगह का नाम ही गुरु नानक देव जी के नाम पर पड़ा। श्री राम माखीजा ने कहा कि गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान, ईरान और अरब देशों में भी जाकर उपदेश दिए। गुरु नानक जी सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु थे। इन्होंने ही सिख समाज की नींव रखी।
इनके अनुयायी इन्हें नानक देव , बाबा नानक और नानकशाह कहकर पुकारते हैं। बलदेव सिंह हूँदल ने कहा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुनानक देव की जयंती पर गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से लंगर का कार्यक्रम रखा गाय है जिसमें हज़ारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे इस साथ ही कीर्तन किया जाएगा..
इस कार्यक्रम दौरान गुरुद्वारा के मुखीया राम माख़िज़ा बलदेव सिंह हूँदल, नपा अध्यक्ष गफ़्फ़ू मेमन अध्यक्ष सूरजीत सिंह कूकरेज़ा तेजपाल रमन कुकरेजा अमन कुकरेजा, राक़ी रोहरा सुनील रोहरा विकास रोहरा अजय रोहरा रवी रोहरा सौरभ देवाँगन हरमेश चौवड़ा केशु सिन्हा अमित ठक्कर आशीष ठक्कर प्रकाश सरवैया वंश चावड़ा शिवम् रोहरा आयुष ठक्कर श्रीमती परमजीत कौर कुकरेजा, नरेंद्र कौर कुकरेजा इंद्रप्रीत कौर कुकरेजा इसप्रीत सरबजीत कौर कुकरेजा दलविंदर कौर कुकरेजा गुरुनूर कुकरेजा माधवी सरवैय्या रोमा सरवैय्या आशा रोहरा आरती रोहरा रानी हूँदल दलवींदर कौर रेणु राठौर महक दासवानी सपना रोहरा भूमिका रोहरा गुरुनूर कुकरेजा जैसलीन कूकेरजा रिशा सरवैया दृष्टि ठक्कर अवनी ठक्कर अर्जुन रोहरा उज्ज्वल रोहरा पलक रोहरा रिया रोहरा नीति रोहरा सृष्टि रोहरा आलिया रोहरा सहित तमाम श्रद्धालुओं ने सुबह से ही गुरुद्वारे परिसर में पूजा अर्चना कर लंगर का प्रसाद ग्रहण किया