ओल्ड मंक( old monk) के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा. कहा जाता है ओल्ड मंक रम गरीब को अमीर से जोड़ने का काम करती है. ओल्ड मंक रम इतनी सस्ती है कि आम आदमी इसे आसानी से खरीद सकता है।वहीं इसका टेस्ट ( test)ऐसा है कि बड़े से बड़ा करोड़पति भी सामाजिक दिखावे को दरकिनार कर इसका आनंद लेता है।
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ओल्ड मंक के शौकीन कहते हैं कि इसमें किशमिश, वनीला और दूसरे मसालों का फ्लेवर कुछ ऐसा है कि इसके एक घूंट से किसी को भी उसकी कॉलेज( college life) लाइफ, हॉस्टल( hostel) की चकल्लस, जवान होने के एहसास, पहली बार छिपकर शराब पीना, पहली नौकरी( job) के जश्न और सेना में भर्ती होने जैस यादें ताजा हो जाती हैं।
क्या है इतिहास ( history)
मोहन मीकिन लिमिटेड कंपनी ने ओल्ड मंक रम को बनाया था. 2018 में जब मोहन मीकिन लिमिटेड( limited) के तत्कालीन चेयरमैन ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) कपिल मोहन का निधन हुआ था, तब बहुत सारे लोगों ने उन्हें ओल्ड मंक रम का जनक बताया।बता दें कि यह सच नहीं है। ओल्ड मंक के जन्मदाता कपिल मोहन नहीं, बल्कि कर्नल वेद रतन मोहन थे।इन्होंने 1954 में ओल्ड मंक रम लॉन्च की थी।
बेनेडिक्टिन संतों से प्रभावित होकर ही ओल्ड मंक रम बनाई
बता दिं कि वेद रतन मोहन ने बेनेडिक्टिन संतों से प्रभावित होकर ही ओल्ड मंक रम बनाई।जब वो युरोप दौरे पर गए थे तो उन्होंने उनके शराब बनाने के नायाब तरीक को देखा था। बेनेडिक्टिन संतों के पास वाइन ( wine)बनाने का नायाब तरीका था। साथ ही उस समय पोषण का मुख्य स्त्रोत भी बीयर ही थी।