भिलाई प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेक्टर 7 भिलाई स्थित पीस ऑडिटोरियम में प्रातः राजयोग सत्र पश्चात् प्रयागराज से एक दिवसीय भिलाई प्रवास पर पधारी धार्मिक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने कहा की “मनुष्य जो परमात्मा को भूल कर दुबन (दलदल) में फंसे हुए हैं यह संसार और विषय विकार मायारूपी दलदल है इससे मनुष्य जितना निकलना चाहे उतना फंसता जाता है। यह संसार मिथ्या नहीं है पर इस संसार में अनेक दलदल हैं जिनमें हमें फसना नहीं है पर उपराम होकर के रहना है।
विश्व में फैली अशांति की आग से अवगत कराते व ध्यान खिंचवाते हुए कहा कि वर्तमान समय में यह हम सब का कर्तव्य है कि अब बेहद की शुभ भावना से सम्पन्न ,धारणामूर्त बनकर भाव और भावना से, लक्ष्य और लक्षण से, अभ्यास व प्रयास से, इस आग को बुझाते चलना है और संपन्न बनना है।
फिर “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” यह लोक प्रचलित वाक्य कहते हुए उन्होंने इस प्रदेश और प्रदेश वासियों की जमकर तारीफ की। कहा छत्तीसगढ़ वासी भाव और भावना से ओतप्रोत हैं और भावना जिनके अंदर है तो वें हिमालय पर भी झंडा लहरा सकते हैं अर्थात जीवन के हर राह पर सफलता उनकी राह देखती हैं। अंत में सभी ने विश्व में शान्ति के लिए संगठित रूप से राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास किया |