आंख हमारे शरीर का बहुत नाजुक व महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में वायु प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। वायु प्रदूषण( pollution) का आंखों पर दुष्प्रभाव बिना किसी लक्षण से लेकर गंभीर जलन और पुराने दर्द तक हो सकता है। कॉन्टैक्ट लेंस के उपयोग के बावजूद आंखें इन दुष्प्रभावों के प्रति संवेदनशील होती हैं। वायु प्रदूषण फेफड़ों, हृदय और हड्डियों सहित हमारे लगभग सभी अंगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
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वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक रूप से उच्च स्तर पर पहुंचने से यह हमारी आंखों को बहुत ही गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह हमारी आंखों के स्वास्थ्य और इनकी रोशनी या दृष्टि के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।
वायु प्रदूषण के संपर्क से आंखें इस तरह से हो सकती हैं प्रभावित
वायु प्रदूषण से मुख्य रूप से आंखों में लाली और जलन, आंखों से पानी बहना, आंखों में खुजली, डिस्चार्ज, आंखों में सूजन और आंखें खोलने में कठिनाई के साथ एलर्जी, आंखों में सूखेपन का रोग या ड्राई आई डिसीज जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
आंखों की सुरक्षा का विशेष खयाल रखना चाहिए
डॉ. मिश्रा ने बताया कि आंखों के संक्रमण के जोखिम को कम करने ज्यादा प्रदूषण के दिनों में आंखों की सुरक्षा का विशेष खयाल रखना चाहिए। कोशिश करें कि बाहर से आने के बाद अपनी आंखों को सीधे न छुएं और बार-बार हाथ धोते रहें। किसी भी बीमारी या प्रतिकूल परिस्थिति से लड़ने के लिए फिट रहना बहुत ज़रूरी है। आंखों की अच्छी सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन ‘ए’, प्रोटीन एवं ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें।