भिलाई। ऑनलाइल सट्टा इन दिनो जोरों पर है। यह सट्टा महादेव आईडी के नाम से चल रहा है। इसके अलावा अन्य एप्प का करोबार का हिसाब अलग है। इस एप्प का संचालन अब कार्पोरेट कंपनियां भी करने लगी है। कंपनियों के युवा संचालक घाटा से उबरने के लिए एप्प का सहारा ले रहे है। वही पुलिस भी ऐसे कंपनियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है। जिससे बड़े लोगों के चेहरे बेनकाब हो सके।
दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ऑनलाइन सट्टा को लेकर लगातार कार्यवाही कर रहे हैं । इस दौरान बैठक में यह चर्चा की गई थी सट्टे के जाल से फसने वाले लोगों किस तरह बचाया जा सके । एस.पी ने कहा, कि आजकल लोग थोड़े से पैसे के लालच में ऑनलाइन सट्टे के खेल में फंसते जा रहे है। वही नए युवा सट्टे की आड़ में ज्यादा फंस रहे है। जो दोबार इस जाल को काटकर निकल ही नहीं पाएंगे। इस पर अंकुश लगाने के लिए पूरा प्रयास जारी है। बैठक में महादेव के खेल में कुदे नए कार्पोरेट कंपनियों पर भी जांच शुरू कर दी गई है। कई युवा व्यापारी लोन को चुकाने दो-दो तीन आई डी लेकर खेल में फस गए है। जो ना तो पुलिस के सामने कुछ बोल पा रहे है। ना ही नाते रिस्तेदारों को अपना दर्द बता पा रहे है। ऐसे लोगों की नई लिस्ट बन रही है।
नए युवा व्यवसाई जिन्होंने जिला उद्योग केन्द्र से लोन लेकर काम शुरू किया था। कई लोग कंपनी के नाम पर जमीन भी आबंटित करवाए थे। पर कोरोना से सबको तोड़ दिया। वे लोग शार्ट कार्ट के चक्कर में अब महादेव का सहारा ले रहे है। कुछ लोग महादेव की कृपा से दुबई की भी यात्रा करके लौटे है। इनकी जांच शुरू कर दी गई है। ताकि उनको बचाया जा सके या फिर सुधारा जा सके।
इंजीनियर बने सटोरी-
दुर्ग जिले ऐसे बहुत से इंजीनियर जो बेरोजगारी की मार झेल रहे थे। वे कंम्प्यूटर के भी जानकारी है। उनको ऑनलाइन सट्टा खिलाने के लिए खाईवालों काम पर रख लिया है। उनकी पेमेंट 12 से लेकर 15 हजार रुपए तक है। एक कमरे का रुम है। बियर व अन्य ऐसो आराम गेम जीत पर निर्भर करता है। उनकी भी जांच शुरू हो गई है।