रायपुर। CG NEWS : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (State Women’s Commission Chairperson Dr. Kiranmayi Nayak) एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। आज 33 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 3 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किये गए हैं शेष प्रकरण आगामी सुनवाई में रखे गए हैं। आयोग ने तीन दिवस की सुनवाई में 90 प्रकरणों की सुनवाई की है।
आज एक प्रकरण में बालात्कार पीड़िता का नाम उजागर करके वायरल करने वाले आरोपीगण के खिलाफ थाना प्रभारी धरसीवां ने किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नही किया है। आज आयोग की सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक को आयोग की अध्यक्ष ने टेलिफोन कर इस प्रकरण से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल एक पुलिस अधिकारी को आयोग कार्यालय भेजा, जिसमें सभी अपराधियों का संपूर्ण विवरण लिया गया है। साईबर क्राईम के मामले में बिना जांच किये ऐसे दोषियों को पुलिस थाना स्तर पर यदि छोड़ दिया जाता है तो अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाते है। इन सभी अनावेदकगणों में एक ग्राम तरपोंगी का सरपंच है तथा ग्राम खैरखूंट के दो पंच है जो एक जिम्मेदार पद पर होने के बाद भी महिला के अस्मिता के साथ उसे बदनाम और प्रताड़ित करने के लिये वाट्सएप सोशल मीडिया में मैसेज पोस्ट कर पीड़ित महिला का नाम उजागर कर रहें हैं।
आज सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से रायपुर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक को इन सभी व्यक्तियों के खिलाफ साइबर क्राईम का मामले के तहत कड़ी कार्यवाही शुरू करने तथा थाना प्रभारी धरसीवां को पुनः प्रशिक्षण केन्द्र भेजकर कानूनों के बारे में अध्ययन कराने की अनुसंशा किया गया है। ताकि किसी भी महिला के अस्मिता के साथ खिलवाड़ ना हो पाये। रायपुर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक को पत्र प्रेषित कर उनके अभिलेख में दर्ज कर इस प्रकरण में की जा रही कार्यवाही की प्रगति की जानकारी 15 दिवस के भीतर आयोग को सुचित करने कहा गया है जिससे इस प्रकरण में आगे की कार्यवाही किया जा सके।
एक अन्य प्रकरण में पत्नी ने अपने पुलिस पति के विरुद्ध शिकायत दर्ज की है कि शादी के बाद ससुराल में रखा था और जहां पदस्थ होता था वहां अनावेदक नही ले जाता था। जिसमे आवेदिका अपने आपको प्रताड़ित महसूस करती थी। आयोग द्वारा अनावेदक को समझाइश दिया गया कि जहां भी पदस्थ हो और आगे जहां भी पदस्थ होंगे वहां आवेदिका को अपने साथ रखने के निर्देश दिए गए।इसके साथ ही इस प्रकरण को 6 माह की निगरानी में भी रखा गया है। इसके बाद इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह दिव्यांग है और वह दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है।जल संसाधन विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। अनावेदक इसी विभाग में वाहन चालक के पद पर कार्यरत है जो कि शासकीय कर्मचारी है। आवेदिका ने आयोग में शिकायत की है कि अनावेदक द्वारा उन्हें दिव्यांगता का मजाक उड़ाया जाता है। मेरे खिलाफ आरटीआई भी लगाकर मेरे बारे में जानकारी एकत्र करते है जिससे मैं मानसिक रूप से रोज प्रताड़ित हो रही हूं। अनावेदक का कथन है कि यह यूनियन का पदाधिकारी है और सबका दस्तावेज लेना उसकी जिम्मेदारी है। आयोग के द्वारा अनावेदक को समझाइश दिया गया कि विभागीय कार्य मे किसी दिव्यांग युवती का मजाक न उड़ाया जाए, उसके जज्बे की सराहना किया जाना चाहिए। इस समझाइश पर अनावेदक ने आयोग के समक्ष आवेदिका से माफी मांगना स्वीकार किया। और भविष्य में ऐसे शिकायत की पुनरावृत्ति ना होने के निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
आज महिला आयोग की सुनवाई में डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय की एम ए राजनीति विज्ञान एवं समाजशास्त्र की छात्राओं ने आयोग की सुनवाई से अवगत हुए। आयोग की अध्यक्ष ने छात्राओं को आयोग की सुनवाई कार्यवाही से अवगत कराते हुए कहा कि अपने भविष्य को सोच समझकर निर्णय ले जिससे आपका जीवन सफल हो। साथ ही डॉ नायक ने सभी छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की है।