देश में बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए रिजर्व बैंक और सरकार की कोशिश जारी है. इसी कड़ी में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई है कि अगले सप्ताह आने वाले अक्टूबर महंगाई के आंकड़ों में मुद्रास्फीति की दर 7 प्रतिशत से नीचे रहने की संभावना है. इससे महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिल सकती है. आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि 4 से 6 फीसदी की मुद्रास्फीति दर अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल है, जबकि इंफ्लेशन रेट का 6 प्रतिशत से ऊपर रहना भारत के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा, “आरबीआई की आंतरिक समिति ने एक विस्तृत विश्लेषण किया और पाया कि +/-2% के बैंड के साथ 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य केंद्रीय बैंक को नीति निर्माण राहत दे सकता है.” रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत में महंगाई की दर 6.3 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत के बीच रही है.
महंगाई के लिए ये 3 बड़े कारण जिम्मेदार
हिंदुस्तान लीडरशिप समिट में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर की तमाम अर्थव्यवस्थाएं तनाव के दौर से गुजर रही है. इसके लिए उन्होंने मुख्य रूप से 3 कारणों को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी, यूक्रेन-रूस युद्ध और वित्तीय बाजार की वजह से
उभरे संकट की वजह से भारत समेत दुनियाभर की इकोनॉमी पर दबाव है.
देश की जीडीपी के आंकड़े बेहतर
वहीं, उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े ठीक हैं और अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की इकोनॉमी तेजी से ग्रोथ कर रही है, साथ ही महंगाई पर धीरे-धीरे काबू पाया जा रहा है.