लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया था केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बिल पेश करते हुए कहा, विधेयक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए है. उन्होंने विधेयक पर चर्चा( discuss) के लिए इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया था।
विधेयक को किसानों के हित में करार देते हुए उन्होंने कहा कि विद्युत संशोधन विधेयक उपभोक्ताओं, किसानों और बिजली क्षेत्र के हित हैं. सरकार का कहना है कि ये प्रावधान इसलिए किया गया है ताकि पावर सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया सके. विद्युत संशोधन विधेयक से बिजली( electricity)्य वस्था में सुधार होगा. उपभोक्ताओं के पास बेहतर सेवाएं देने वाली बिजली वितरण कंपनी चुनने का विकल्प होगा। वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने से आपूर्ति बेहतर होगी। विधेयक में उपभोक्ताओं को सीधे सब्सिडी देने का प्रावधान है।अभी तक राज्य सरकार डिस्कॉम को सब्सिडी की राशि देती है
क्यों हो रहा इस बिल का विरोध
विपक्षी सांसदों ने कहा कि बिजली का विषय समवर्ती सूची में आता है इसलिए, सभी राज्यों और संबंधित पक्षकारों से विचार विमर्श करना जरूरी है, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है। विपक्ष का आरोप है कि यह निजीकरण की दिशा में एक कदम है।लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक सहकारी संघवाद का उल्लंघन करता है।निजी कंपनियां मात्र कुछ शुल्क देकर मुनाफा कमाएंगी और सरकारी कंपनियां दिवालिया हो जाएंगी।