CG NEWS : बेमेतरा। विधुत वितरण विभाग द्वारा नवम्बर महीने के बिल के साथ सुरक्षा निधि की राशि जुड़कर आने से जिले सहित नगर के अधिकांश उपभोक्ता परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि कई महीने तक और किसी-किसी घरों में मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। सुधार के लिए उपभोक्ता बिजली विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उपभोक्ताओं के ऑफिस पहुँचने पर निराकरण नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के मौसम में बिजली का बिल उपभोक्ताओं का पसीना निकाल रहा है। उपभोक्ताओं के पिछले साल की खपत से अधिक खपत पर सुरक्षा निधि के नाम पर तिगुनी रकम ली जा रही है।
इसके कारण उपभोक्ताओं का बिल इस बार काफी अधिक आया है। स्थिति यह है कि पाँच सौ से छः सौ रूपये का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को इस माह पन्द्रह सौ से दो हजार रुपये तक बिल भेजा गया है। नगर में कई उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत है कि अगर उनके घर लगा बिजली मीटर ठीक है तो क्यों नियमित तौर पर हर महीने उनके मीटर रीडिंग नहीं होती है। उपभोक्ताओं के अनुसार एवरेज आधार पर विभाग कैसे बिल का निर्धारण करता है। यह भी समझ से परे है। क्योंकि एवरेज बिल के तौर पर भी विभाग प्रत्येक महीने अलग-अलग राशि चार्ज करता है। सुरक्षा निधि का फंडा यह है कि जब कोई उपभोक्ता बिजली कनेक्शन लेता है तो उसे एक मुश्त सुरक्षा निधि जमा करना पड़ता है। इसके बाद जैसे जैसे बिजली दरें बढ़ती है। बढ़े बिल के दो महीने का औसत अतिरिक्त सुरक्षा निधि के तौर पर लिया जाता है। मार्च महीने जमा सुरक्षा निधि पर ब्याज भी दिया जाता है जो कि अप्रैल महीने के बिल में उपभोक्ताओं को मिलता है। माह में हुये बिजली खपत व सुरक्षा निधि जोड़ा जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के स्थायी निर्देश के तहत सुरक्षा निधि लेने का प्रावधान है। प्रत्येक वर्ष 12 महीनों में उपयोग किये गए बिजली बिल की औसत खपत की गणना कर प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह में अतिरिक्त सुरक्षा निधि के अंतर की राशि ली जाती है। इसकी गणना प्रचलित टैरिफ के आधार पर नियमानुसार पहले जमा सुरक्षा निधि को घटाकर की जाती है। जितनी राशि का अन्तर होता है उतनी अतिरिक्त सुरक्षा निधि की देयक बनती है।