CG NEWS : दुर्ग। कलेक्टर ने बीती रात जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों एवं परिवारजनों की कुशल-क्षेम, सुविधाओं और चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने आपातकालीन ओपीडी, शिशु वार्ड, लेबर कक्ष एवं अन्य वार्डों का निरीक्षण कर उपस्थिति रजिस्टर और ड्यूटी रोस्टर की भी जांच की। वार्डों के निरीक्षण के दौरान शौचालयों में गंदगी, टूटे हुए कमोड, वाश बेसिन व दरवाजे को देख कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कड़े शब्दों में निर्देशित किया कि अस्पताल में गंदगी और अव्यवस्था किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौजूदा सफाई एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करें और जल्द से जल्द नई एजेंसी के साथ करार कर अस्पताल की नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों से बातचीत कर अस्पताल में मिल रही सुविधाओं, भोजन और दवाईयों की उपलब्धता आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मरीजों से पूछा कि इलाज में कोई परेशानी तो नहीं आ रही। चिकित्सक समय पर विज़िट करने आते हैं या नहीं। मरीज़ों ने बताया कि आज शाम की रूटीन विज़िट में डॉक्टर नहीं आए, कलेक्टर ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सम्बंधित डॉक्टर की आधे दिन की पगार काटने के निर्देश दिए, साथ ही आगे ऐसा न हो इसके लिए उन्हें नियमित निरीक्षण करते रहने के लिए कहा।
प्रसूति वार्ड के निरीक्षण के दौरान मरीज़ों ने कलेक्टर को बताया की अस्पताल के सभी चिकित्सक और नर्स बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। भोजन और इलाज की अच्छी व्यवस्था ज़िला अस्पताल में मिल रही है। वहीं नवनिर्मित वार्ड के बिस्तर में गंदी बेडशीट पाए जाने पर कलेक्टर ने ड्यूटी पर मौजूद नर्स और स्टाफ़ को कहा की इससे मरीज़ों को संक्रमण का ख़तरा है, इस तरह की लापरवाही दोबारा न करें। उन्होंने डॉक्टर को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी बिस्तरों में साफ़ बेडशीट लगनी चाहिए। जिन बिस्तरों के बग़ल में दवाइयाँ रखने के लिए रैक नहीं हैं वह भी लग जाने चाहिए। उन्होंने सिविल सर्जन से सभी ज़रूरी व्यवस्था कर फ़ोटो भेजने के लिए कहा.
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में सुरक्षा-कर्मियों की कमी महसूस की इस विषय में उन्होंने पुलिस अधीक्षक से बात कर 1+4 पुलिस आरक्षकों और 8 नगर सैनिकों को जल्द से जल्द तैनात करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर एक ऐसे मरीज़ से भी मिले जिसने आत्महत्या के उद्देश्य से ज़हर का सेवन कर लिया था। उन्होंने उनकी स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली, डॉक्टर ने बताया की वह अभी ख़तरे से बाहर है। उन्होंने ने पीड़ित और उसके परिजनों से बात कर उन्हें दिलासा दी और हिम्मत न हारने और मुसीबतों का डट कर सामना करने का हौसला दिया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस तरह के मरीज़ों की मनोचिकित्सक द्वारा काउंसलिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।