मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले( attack) को आज 14 साल पूरे होने को है, लेकिन आज भी उसके जख्म देश के हर आदमी के दिल में जिंदा है।
26/11 मुंबई हमले को लेकर यह है तथ्य वर्ष 2008 में 26/11 के हमले में भाग लेने वाले आतंकवादी पाकिस्तान ( pakistan) भेजे गए थे और काफी प्रशिक्षित थे। ये सभी भारत में प्रवेश करने के लिए समुद्री मार्ग से आए थे। उनका मुख्य मकसद आतंक फैलाना और कुछ प्रमुख आतंकवादियों को कंधार अपहरण मामले से छुड़वाना।
आतंकी हमले में लगभग 64 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक लोग इसमें घायल
ताज होटल में लगभग छह विस्फोट हुए और इसमें कई लोग मारे गए। आतंकियों ने कई दिनों तक लोगों को बंधक भी बनाए रखा था। मुंबई में अलग-अलग जगहों पर किए गए इस आतंकी हमले में लगभग 64 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक लोग इसमें घायल हुए थे। इस हमले में सभी आतंकवादी मारे गए लेकिन मोहम्मद अजमल आमिर कसाब( aamir kasab) जिंदा पकड़ा गया। जिसे यरवदा जेल में 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी।
जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड( mastermind)
इस हमले में सेवानिवृत्त फौजी तुकाराम ओंबले और मुंबई पुलिस के सहायक सब-इंस्पेक्टर ने एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने के लिए अपनी जान दे दी थी। ओंबले को कर्तव्य के पालन में असाधारण बहादुरी और वीरता के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था।