CG ByElection : भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में नाम निर्देशन पत्रों की छानबीन एवं नाम वापसी के बाद सात प्रत्याशी डटेंगे। 21 प्रत्याशियों का नामांकन विधिमान्य पाए गए है, जबकि 18 नामांकन ख़ारिज किये जाने और नाम वापसी के अंतिम दिन 14 लोगों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, इसके बाद कांग्रेस की सावित्री मंडावी और भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम सहित कुल 7 प्रत्याशी चुनावी दंगल में है।
इन्हें भी पढ़े : CG ByElection : कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने किया जीत का दावा, आदिवासी समाज ने दोनों प्रमुख दलों का जायका बिगाड़ा
इस उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है और 8 दिसंबर को मतगणना के बाद नये विधायक का नाम सामने आ जायेगा। उपचुनाव के लिए कुल 39 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था. छानबीन के बाद 18 लोगों का नामांकन निरस्त हो गया. 18 नवंबर को 21 नामांकन घोषित को वैद्य घोषित करते हुए सूची जारी की थी। सोमवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 14 निर्दलीय दावेदारों ने अपना नाम वापस लिया
क्या विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देकर बस्तर के साथ ही प्रदेश की जनता को यह सन्देश देने में सफल हो पाएँगे। कांग्रेस के इन चार सालो की सरकार में भाजपा ने हिमाचलप्रदेश की तर्ज पर अपनी खोई जमीन वापस ला रही है, क्योकि हिमाचलप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी माना है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच भारी मुकाबला है.
इन्हें भी पढ़े : CG ByElection : भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए भाजपा ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की सूची
मालूम हो कि हिमाचलप्रदेश में कांग्रेस के उपचुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके चलते भाजपाइयों को सत्ता वापसी को लेकर आशंका बनीं हुई है. बस्तर में भाजपा फिर से अपनी खोई हुई जमीन वापस ला पाएगी और आदिवासियों में कांग्रेस सरकार के प्रति रुझान कम होने लगा है क्योकि इस चुनाव में आदिवासियों का 32% आरक्षण से 20% होना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है.
इस चुनाव को भाजपा हिमाचलप्रदेश कि तर्ज पर टक्कर देने में कामयाब होती है तो निश्चित ही चुनाव के पूर्व निराश भाजपा कार्यकर्ताओ में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। वहीँ कांग्रेसियों को भी इस बात का गुमान है कि उन्होंने सहानुभूति वोट पाने के लिए मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट देकर उपचुनाव में शानदार जीत का प्रदर्शन करेगी।
बस्तर की जनता गत 2 उपचुनावो की तरह ही मजबूती के साथ कांग्रेस के साथ खड़ी है। उपचुनाव के परिणाम सत्ता पर कोई भीं असर नहीं डाल सकता, लेकिन दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओ के मनोबल को गिराने व बढ़ाने यह चुनाव अहम है.