CG NEWS : सक्ती। स्थानीय स्तर पर पहली बार भाजपाइयों ने किसी मुद्दे को लेकर एकजुटता दिखाई है बता दे शक्ति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का संचालन किया जाता था। लेकिन कुछ दिनों से वहां अभी दवाई नहीं मिल रही हैं। इस संबंध में समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी के अनुसार उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर इसे बंद कर दिया गया। अगर यह बात सही है तो वास्तव में यह जनहित में नहीं है। क्योंकि जन औषधि केंद्र में बहुत ही कम दर पर लोगों को जेनेरिक दवाइयां प्राप्त हो जाती थी, जिसे लेने के लिए शहर के साथ-साथ आसपास के ग्रामवासी भी जन औषधि केंद्र पहुंचते थे। बता दे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में इस प्रकार की दो दवाई दुकान संचालित होती है एक धनवंतरी योजना के तहत और एक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र दोनों ही दुकानों पर मार्केट से कम दर पर दवाइयां प्राप्त होती हैं परंतु अचानक जन औषधि केंद्र का बंद हो जाना लोगों के समझ से परे है। जब इस मुद्दे की जानकारी भाजपाइयों को हुई तो वहां आनन-फानन में ही नगर मंडल और ग्रामीण मंडल के पदाधिकारी पहुंचने लगे और हॉस्पिटल प्रशासन एवं मुख्यमंत्री के विरुद्ध नारे लगाने लगे, देखते ही देखते काफी लोग इकट्ठे हो गए भाजपाइयों का कहना था कि यह केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है इसे हम किसी भी हाल में बंद नहीं होने देंगे। यहां पर बहुत ही सस्ते दरों पर लोगों को दवाइयां प्राप्त होती हैं। भाजपाइयों ने खंड चिकित्सा अधिकारी को कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उन्होंने जिले के कलेक्टर से निवेदन किया है कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र आम आदमी की सुविधा हेतु केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण योजना है। इसे तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करके सुचारू रूप से उक्त स्थान पर पुनः प्रारंभ करवाया जाए, अन्यथा भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र हटाए जाने अथवा बंद किए जाने पर जनहित में आंदोलन करने को बाध्य होगी, देखना यह है कि जन औषधि केंद्र वहां दोबारा फिर से प्रारंभ हो पाता है कि नहीं।
मामले पर क्या कहते हैं खंड चिकित्सा अधिकारी
मामले पर क्या कहते हैं खंड चिकित्सा अधिकारी
इस मामले को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शक्ति के खंड चिकित्सा अधिकारी पी. सिंह का कहना है कि मेरे द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शक्ति को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है कि जिस भवन में जन औषधि केंद्र संचालित है उस भवन को रिक्त करने का मौखिक निर्देश आपके द्वारा प्राप्त हुआ है अतः आपके मौखिक निर्देशानुसार जन औषधि केंद्र के भवन को तत्काल खाली करा दिया गया है जिसकी प्रतिलिपि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जांजगीर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शक्ति, ड्रग इंस्पेक्टर जिला जांजगीर-चांपा, एरिया मैनेजर वीपीपीआई रायपुर, हेड क्वार्टर वीपीपीआई नई दिल्ली को सूचनार्थ भेज दिया गया है।
जन औषधि केंद्र को खाली कराने का कारण समझ से परे
कई वर्षों से चल रहे हैं जन औषधि केंद्र को आखिर क्यों खाली कराने की जरूरत पड़ी यह सब के समझ से परे है। सूत्रों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शक्ति के परिसर में केंद्र शासन और राज्य शासन दोनों की योजना अनुसार दो दवाई दुकान संचालित हो रही है जिसमें सस्ती दरों पर दवाइयां प्राप्त होती हैं बताया जा रहा है की जन औषधि केंद्र जहां संचालित हो रही थी वहां से हटाकर किसी दूसरे दुकान को वहां शिफ्ट करने की तैयारियां चल रही थी परंतु यह कहां तक सही है इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता फिलहाल अभी यह मामला उलझता हुआ ही नजर आ रहा है। कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि राजनीतिक दबाव के कारण यह सब हो रहा है। अब देखना यह है कि भाजपाइयों द्वारा दिए ज्ञापन एवं आंदोलन के चेतावनी के बाद क्या जन औषधि केंद्र अपने पुराने जगह पर फिर से प्रारंभ हो पाता है कि नहीं।
स्थानीय स्तर के मुद्दे पर पहली बार भाजपाइयों में एकजुटता दिखाई दी
भाजपा के नेताओं में पहली बार स्थानीय जनहित के मुद्दे को लेकर एकजुटता दिखाई दे नहीं तो जीले या फिर राज्य से जो कार्यक्रम आते थे उन्हीं पर आंदोलन या विरोध प्रदर्शन किया जाता था यह पहली मर्तबा था जब स्थानीय जनहित मुद्दे को लेकर भाजपाइयों में आपसी एकजुटता दिखाई दी जिसमें ग्रामीण मंडल और नगर मंडल के लोग कुछ ही देर में इकट्ठे हो गए और नारेबाजी करने के साथ ही साथ ज्ञापन भी सौंपा और आंदोलन की भी चेतावनी दी अगर इसी तरह स्थानीय मुद्दे को लेकर भाजपा के लोग जनहित में कार्य करते रहे तो निश्चित तौर पर इसका फायदा भाजपाइयों को जरूर मिलेगा।