भिलाई। न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी दुर्ग अमृता दिनेश मिश्रा ने प्रार्थी अजय शर्मा निवासी हुडको भिलाई के द्वारा आरोपी ज्ञानंचद जैन, सोहन जैन, टोनी सरदार व उनके अन्य साथियों के विरूद्ध धारा 156 (3) के परिवाद पर निर्णय पारित करते हुए धारा 394, 120 बी, 34, 149, 323,420, 416, 34, 452, 477 के तहत अपराध दर्ज कर पंद्रह दिन के भीतर न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने दुर्ग कोतवाली पुलिस को निर्देश दिया है। अधिवक्ता अभिषेक वैष्णव दुर्ग ने प्रकरण के संबंध में बताया कि 18 दिसंबर 2021 को स्टेशन रोड, पचरीपारा दुर्ग स्थित हरेकृष्ण तिवारी अधिवक्ता के आफिस में नीले रंग के फाईल कवर में अजय शर्मा और ज्ञानचंद के मध्य बहुत से स्टाम्प में राजीनामा व सहमति पत्र दुर्ग गंजपारा, ठेलकाडीह, बजरंगपुर, खैरागढ़ व अन्य जमीनों के संबंध में निष्पादित होकर तैयार किया गया था जिसे 18 दिसबंर 2021 को अधिवक्ता के कार्यालय में जब फाईल देकर दस्तावेज बाटने को कहा तब ज्ञानचंद जैन और सोहन जैन ने अपने साथ टोनी सरदार, चंदन कनोजिया व अन्य लोगों के साथ आपराधिक षडयंत्र रचते हुए बलपूर्वक उक्त राजीनामा का फाईल अजय शर्मा से छिन लिया और इस कृत्य को अंजाम देने के लिए उसके अन्य साथी बाहर खड़े थे। कुल 7 से 8 लोगों ने फाईल छिनने के बाद स्टेशन रोड फरिस्ता काम्पलेक्स के सामने एक्टीवा गाड़ी में उक्त फाईल को लेकर फरार हो गये। पीछे सोहन जैन बैठा था जब अजय शर्मा का लड़का इस डकैती की घटना का विडियो बना रहा था तो उसके लड़के आदित्य शर्मा पर उपरोक्त 4-5 लडकों ने हमला कर मारापीट किया।जिससे उसे चोटें आई और यह घटना आसपास के सीसीटीवी फुटेज में रिकार्ड हुई। इस संबंध में पुलिस थाना दुर्ग व एस.पी. को शिकायत की कापी दी गई थी। परन्तु उन्होंने अपराध पंजीबद्ध नही किया इसलिए न्यायालय की शरण लेकर प्रार्थी अजय शर्मा ने ज्ञानंचद जैन वगैरह के विरूद्ध धारा 394, 120बी, 149, विधि विरूद्ध जमाव व आपाराधिक षडयंत्र रचकर डकैती को अंजाम देना व फाईल को लूटकर ले जाना तथा इस फाईल का दुरूपयोग कर उसका लाभ लेकर अजय शर्मा के विरूद्ध तहसीलदार दुर्ग व खैरागढ़ में झूठा केस लगाना इस संबंध में धारा 420, धारा 477 मूल्यवान दस्तावेजों का नष्ट करने का आवेदन परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें न्यायालय द्वारा धारा 156 (3) का आवेदन स्वीकार कर प्रथम दृष्टिया संज्ञेय गंभीर अपराध मानते हुए जुर्म पंजीबंद्ध करने का निर्देश दिया है।
अधिवक्ता अभिषेक वैष्णव ने बताया कि ज्ञानचंद जैन व सोहन जैन की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। ज्ञानचंद व सोहन जैन पूर्व से आपराधिक गतिविधि, सुदखोरी, लोगों से पैसा वसूली में लिप्त रहे है। जिसमें एक प्रकरण में परिवादी नीरज अग्रवाल के साथ प्रकरण कोर्ट में लम्बित है जिसमें ज्ञानंचद जैन, सोहन जैन और अंकुश जैन तीनों की गिरफ्तार किया गया था और वे जमानत पर छुटे थे व उसका आपराधिक प्रकरण लम्बित है जो धारा 384 व 386 का है। पूर्व में जुलाई 2018 में ज्ञानचंद जैन, अंकुश जैन और सोहन जैन के विरूद्ध गैंगस्टर तपन सरकार जो जेल में बंद सजा काट रहा था , उससे फोन पर बात करवा कर फ्लोर मिल व्यापारी नीरज अग्रवाल से ब्याज की रकम वसूलने वाले आरोपी ज्ञानचंद और उसके बेटे अंकुश जैन को मोहन नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और सोहन जैन उस प्रकरण में कई महिनों से फरार था , जिस पर शासन ने इनाम घोषित कर दिया था।