Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर हैं। इस दौरान वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक का लंबा सफर पैदल चलकर तय कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) मध्यप्रदेश में है और आज राजस्थान पहुंच जाएगी। भारतीय राजनीति पर भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को लेकर अलग-अलग तरह की बातें की जा रही हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस यात्रा की शुरुआत से ही यह बात कहते रहे हैं कि यह यात्रा नफरत के खिलाफ भारत को एकजुट करने के उद्देश्य से चालाई गयी है। इसका चुनावी राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में 28 नवम्बर से गरियाबंद ब्लाक कांग्रेस कामेटी के पूर्व अध्यक्ष आबिद ढेबर शामिल हुए है । श्री ढेबर ने दूरभाष पर बताया कि इस यात्रा में काफी कुछ सीखने को मिला है। इसी तरह हमलोग 28 नवम्बर से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए है उन्होंने बतलाया राहुल गांधी जी रोज़ लगभग 25 किलोमिटर का सफ़र तय करते है उन्हें देखते ही एक अलग सी ऊर्जा आ जाती है उनके साथ साथ लगभग 10 हज़ार से ज़्यादा लोग शामिल हुए है राहुल गांधी जी के नेतृत्व में ये यात्रा उज्जैन से मालवा आगर मालवा होते हुए राजस्थान बॉर्डर में जा रहे हैं अभी तक उनके साथ लगभग 45 किलोमीटर की पद यात्रा कर चुके हैं भारत जोड़ो यात्रा अब राजस्थान के बॉर्डर में पहुंचेगी।
राहुल गांधी जी ने कहा है कि ये यात्रा मेरे लिए तपस्या के समान है। ये 3570 कि.मी. की भारत जोड़ो यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी, इसमें हज़ारो कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हैं।
राहुल गांधी जिनके साथ सारा अवाम कंधे से कंधा मिलकर चल रहा है – आबिद ढेबर
भारत जोड़ो यात्राः राहुल गांधी के नेतृत्व में दो महीने पूर्व भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत कन्याकुमारी से हुई (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) थी. अब तक तकरीबन 2300 किमी की यात्रा में तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र होते हुए यह यात्रा मध्य प्रदेश पहुंची है. यह यात्रा कुल 3570 किलोमीटर की है, जो बारह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. भारत जोड़ो यात्रा के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को अपार जन-समर्थन प्राप्त हुआ है. जिसमें किसानों, मजदूरों, युवाओं, माताओं, बहनों, छोटे व्यवसायियों, खिलाड़ियों, कलाकारों ने समय-समय पर यात्रा में अपनी भागीदारी निभायी है. आज जिस प्रकार से राजनैतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए देश के अंदर नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है. महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण सवालों को गौण रखकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही साथ प्रतिपक्ष की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करने की नीयत से संवैधानिक संस्थाओं और केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग करने से परहेज नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि देश की आम जन-मानस का अपार जनसमर्थन इस यात्रा को प्राप्त हो रहा है.