अम्बिकापुर : CG Crime : अम्बिकापुर के मणिपुर चौकी पुलिस ने पलामू झारखंड से ATM मशीन से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने एटीएम कार्ड जाम कर पुलिस आरक्षक से 50 हजार की ठगी की है। आरोपी शातिर तरीके से ग्लू का इस्तेमाल कर एटीएम मशीन में कार्ड जाम कर ठगी करते थे।
इन्हें भीं पढ़े : CG Crime : नाबालिग प्रेमिका की गला घोंटकर हत्या: दूसरे युवकों से था अवैध संबंध, नाराज़ प्रेमी ने संबंध बनाया, फिर गला घोंटकर कर दी हत्या, गिरफ्तार..
इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी भावना गुप्ता ने बताया 30 नवंबर को प्रतिक्षा बस स्टैंड के पास दरिमा थाने में पदस्थ आरक्षक अमित कुजुर बैलेंस जांच करने एटीएम गया हुआ था। बैलेंस जांच करने के दौरान एटीएम कार्ड मशीन में फस गया तभी बाहर खड़े दो अन्य व्यक्तियों ने सहयोग करने के नाम पर आरक्षक से एटीएम का पिन देखकर रजिस्टर मोबाइल नंबर से फोन करने की बात कहते हुए उसे घर भेज दिया और दोनों आरोपी आरक्षक का एटीएम कार्ड लेकर मौके से फरार हो गए।
अलग-अलग दो ATM मशीन 50 हजार रकम निकाल लिये जिसके बाद पुलिस आरक्षक ने इसकी शिकायत मणिपुर चौकी में दर्ज कराई थी शिकायत के बाद जांच पर मणिपुर पुलिस ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन करने के साथ ही साइबर सेल की मदद ली साइबर सेल के अथक प्रयासों के बाद पुलिस की एक विशेष टीम आरोपियों को पकड़ने पलामू झारखंड रवाना हुई। जहां तीन आरोपियों जिनमें कपिल विश्वकर्मा आत्मज अशोक विश्वकर्मा उम्र 25 वर्ष साकिन कालपी थाना कालपी जिला जालौन उत्तर प्रदेश, नीरज निषाद आत्मज नाथूराम निषाद उम्र 20 वर्ष साकिन कालपी थाना कालपी जिला जालौन उत्तर प्रदेश, अजय कुमार निषाद आत्मज छोटे लाल निषाद उम्र 19 वर्ष साकिन शेखपुरगोड़ा थाना कालपी जिला जालौन उत्तर प्रदेश .को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म कारित करना स्वीकार कर लिया है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 36 हजार रु नगद, सात एटीएम कार्ड और घटना में प्रयुक्त एक कार जब किया है। आरोपियों के विरुद्ध संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। वहीं जिले के एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि आरोपियों के द्वारा एटीएम कार्ड फसाने के लिए किसी ग्लू का इस्तेमाल करते थे जिससे कि एटीएम में पहुंचने वाले एटीएम धारक का एटीएम कार्ड मशीन में ही फस जाता था जिसे निकालने और सहायता करने के नाम पर आरोपी उसे ठगी का शिकार बनाते थे।