CG NEWS : गरियाबंद। उदंती सीता नदी अभ्यारण्य अब टूरिज्म के लिए तैयार है, नक्सल गतिविधियों के कारण विगत 10 वर्षों से बन्द पड़ा था, अब लाल साये का ख़ौफ़ हटते ही अभ्यारण्य प्रसाशन ने शैलानियों के लिए क्या खास तैयारी किया गया है और क्या क्य देखने लायक है आइये हम आपको बतलाते है.
घने जंगल व सुंदर वादियों के बिच यंहा मौजूद है देवधारा व गोडेना जल प्रपात जिसके कल कल् करते झरने व नीले अम्बरो को समेटे झील में ठहरा पानी आपको तनाव रहित कर देगा। यंहा मौजूद वन भैंसा प्रजनन केंद्र में आप दुर्लभ प्रजाति के वन भैंसों से रूबरू हो सकते हैं, तो वंही पर्वत की ऊंचाई में मौजूद ओढ़ में फैली बर्फ की चादर मे व चोकसिल के ऊंची चोटी पर चढ़ कर घने व सुंदर वनों में आप खो जाएंगे।
यंहा मुचकुन्द, गौतम, टांगरी व अंगिरा ऋषि जैसे ऊँची चोटी वाले पर्वत है जन्हा पर ट्रेकिंग शुरू कर दिया गया है। सोंढुर बांध पर बोटिंग की भी सूविधा शुरू की गई है। बर्ड वाचिंग और मेचका में इकोपार्क का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।
इन सब तक पहूँचने आपको अभ्यारण्य जिप्सी सफारी भी कराएगी। इतना ही नही कोर्टेज व भोजन के प्रबंध हो या फिर गाइड की व्यवस्था अब सब कुछ उदंती सीता नदी अभ्यारण्य के पोर्टल से ऑनलाइन बुकिंग सूविधा शुरू कर दी गई है।
उदंती-सीतानदी बाघ अभयारण्य-
उदंती-सीतानदी बाघ अभयारण्य छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 2008-09 में हुई है। यह 1842.54 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र में फैला हुआ है। यह बाघ अभयारण्य दो अलग-अलग वन्यजीव अभयारण्य (उदंती और सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य) को एक साथ मिला कर बनाया गया। ध्यातव्य है कि उदंती नदी उदंती वन्यजीव अभयारण्य मे पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है तथा सीतानदी नदी का उद्गम सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य के मध्य से होता है।
उदंती सीतानदी बाघ अभयारण्य में बाघ के अलावा अन्य लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों में भारतीय वुल्फ, तेंदुआ, स्लॉथ बीयर और माउस हिरण शामिल हैं। इस बाघ अभयारण्य में मुख्यत: साल,मिश्रित वन एवं पहाड़ी क्षेत्रों पर बांस वन है | इसके अलावा कुछ क्षेत्रों पर सागौन के प्राकृतिक वन हैं,जिसमें मुख्यत: बीजा, शीशम, तिन्सा, साज, खम्हार, हल्दू, मुड़ी, कुल्लू, कर्रा, सेन्हा, अमलतास इत्यादि प्रजाति पाई जाति हैं |