नई दिल्ली। कहते हैं कि सपनों को खुली आंखों से देखना चाहिए तभी हम उसे हासिल कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ की बेटी व अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही अमिता श्रीवास ने। उन्होंने महिला दिवस पर महिला शसक्तीकरण का मिशन लेकर अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5895 मीटर) को फतह किया।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला
माउंट किलिमंजारो का पर्वतारोहण का अभियान 4 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे आरंभ हुआ जो कि 8 मार्च को सुबह 7:45 में चोटी के शिखर पर थी, ऐसा करने वाली वो छत्तीसगढ़ मूल की पहली महिला है।
राहुल गुप्ता ‘माउंटेन मैन’ से मिली प्रेरणा
जांजगीर चंपा के एक निम्न मध्यम परिवार में जन्मी अमिता राष्ट्रीय स्तर पर अन्य खेलों में भी अपना लोहा मनवा चुकी है। अमिता को पर्वतारोहण की प्रेरणा राज्य के प्रथम एवेरेस्ट विजेता पर्वतारोही राहुल गुप्ता से मिली। विगत 3 वर्षो से राहुल गुप्ता से मार्गदर्शन में पर्वतारोहण की गुर सीख रही है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय समस्त महिला समाज को दिया है जो यथा संभव राज्य की प्रगति और विकास में अपना योगदान दे रही है। अमिता के बताया कि वो बचपन से ही खेल के क्षेत्र में अव्वल रही है और वर्तमान में वे महिला व बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत है।
CSPDCL ने किया सहयोग
इस अभियान में सहयोग व प्रोत्साहन के लिए अमिता ने विशेष रूप से शिवरीनारायण मठ के मठाधीश व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ महंत रामसुंदर दास जी व जिला प्रशासन जांजगीर-चाम्पा का आभार व्यक्त किया है | जिला प्रशासन के द्वारा CSR मद से CSPDCL के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र जांजगीर-चाम्पा यूनिट द्वारा किया गया है।