RAIPUR NEWS : रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण नीता विश्वकर्मा एवं बालो बघेल ने आज राज्य महिला आयोग कार्यालय शास्त्री चौक रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने अपने कार्यकाल की आज 148वीं जनसुनवाई की। रायपुर की आज 76वीं जनसुनवाई में कुल 28 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 3 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए, शेष प्रकरण का आगामी तिथि मे सुनवाई की जाएगी।
आज एक प्रकरण में अनावेदक पति जिला गरियाबंद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक एलबी है। वर्ष 2017 में आवेदिका पत्नी के साथ चूड़ी प्रथा से विवाह हुआ था। अनावेदक के पहली पत्नी किसी दूसरे पुरूष के साथ भाग गई थी। जिससे वह तलाक ले लिया था और अनावेदक के 2 बच्चे भी हैं। जो अनावेदक के साथ ही रहते हैं। आवेदिका के साथ उनका 1 बेटा भी है जो 4 वर्ष का हैं। अनावेदक ने आनावेदिका के साथ अवैध संबंध होने लगा और फरवरी 2022 में उससे विवाह कर लिया और आवेदिका से अप्रैल 2022 से अलग रहने लगा। अनावेदिका का कथन है कि आवेदिका शक कर रही थी और जगह-जगह उसे बदनाम कर दिया था। जिससे वह समाज मे मुह दिखाने के लायक नही थी। तब से मैं अनावेदक के साथ लिव इन मे रह रही थी जिसे अनावेदक ने स्वीकार किया। अनावेदक द्वारा शासकीय सेवा में होने के बाद भी अनैतिक सम्बंध को आयोग के समक्ष स्वीकार किया है जो कि सिविल सेवा सर्विसेज अधिनियम के तहत अनावेदक के दूषित आचरण को प्रगट करता है। इस प्रकरण में यह स्पष्ट है कि आवेदिका के साथ अनावेदक का वैवाहिक सम्बंध और 4 वर्षीय पुत्र के बाद आवेदिका से बिना तलाक लिए पुनः एक अवैध संबंध को अनावेदक द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है। इस स्तर पर आयोग के द्वारा अनावेदिका को नारी निकेतन भेजा गया है। और आवेदिका चाहे तो अनावेदक के विरुद्ध उनके विभाग में सम्पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत कर अनावेदक के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करा सकती है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदकगण को 5 लाख 50 हजार रुपये दिया था। अनावेदकगण जल संसाधन में नौकरी लगाने का आश्वासन आवेदिका को दिया था। पिछले सुनवाई में अनावेदक ने आवेदिका को 1 लाख 50 हजार रुपये वापस भी किया था। आज सुनवाई में आवेदिका ने अपने साथ गवाहों को भी लेकर आई। इन दोनों गवाहों के समक्ष ही आवेदिका ने पैसे अनावेदक को दिया था। गवाहों के कथन है कि उसने भी अपने बेटे की नौकरी के लिए अनावेदक को पैसे भी दिया था। अनावेदक का कथन है कि उसका साथी भी इस प्रकरण में शामिल हैं। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक के साथ वह कार में आया था और आवेदिका के दस्तावेजों को देख रहा था। इससे स्पष्ट है कि यह प्रकरण में आवेदिका के साथ धोखाधड़ी और नौकरी लेने के नाम पर पैसा उगाही का मामला होने से इस प्रकरण को थाना गोलबाजार के द्वारा जांच कर उचित कार्यवाही हेतु सम्पूर्ण दस्तावेज दिया गया। साथ ही सुनवाई में उपस्थित पुलिस आरक्षक के माध्यम से अनावेदकगणों को थाना गोल बाजार भेजा गया है। पुलिस थाने में सभी पक्षकारों के बयान और शिकायत को दर्ज करने के निर्देश के साथ इस प्रकरण में की गई सम्पूर्ण कार्यवाही को अवगत कराने के निर्देश दिए गए। जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पिछले सुनवाई में बताया था कि गोधन न्याय योजना में कार्य करते समय हाथ कट जाने के बाद नौकरी से निकाल देने व वेतन का मुआवजा नहीं देने की शिकायत आयोग में दी थी। पिछली सुनवाई में गौठान ठेकेदार व महिला समूह की अध्यक्ष सुनवाई में अनुपस्थित रहे थे। आज सुनवाई के दौरान उभय पक्षो को पुनः सुना गया। जिसमे दोनों पक्षो के बीच सुलहवार्ता कराई गई। जोन के नोडल अधिकारी सहित गौठान ठेकेदार व महिला समूह की अध्यक्ष ने नैतिकता के आधार पर आवेदिका को 15 हजार रुपये मुआवजा देना स्वीकार किये हैं। अनावेदकगण 15 दिसम्बर को आवेदिका को आयोग कार्यालय में 15 हजार रुपये देंगे। इस स्तर पर इस प्रकरण को 15 दिसम्बर को निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक देवर ने बताया कि उनके माता पिता के नाम पर सम्पत्ति है। और स्वर्गीय भाई की पत्नी का मालिकाना हक है, सम्पत्ति के दस्तावेजों में नाम भी दर्ज हैं। आवेदिका को आयोग की ओर से समझाईश दिया गया कि वह नगर निगम में मकान के अभिलेख के नाम पर अपनी पुष्टि करा सकती है। दोनो मकान पर अनावेदक सहित अन्य 4 हिस्सेदार दोनो मकानों पर है। इस आधार पर आवेदिका को अपने पति के हिस्से का 1/5 भाग को प्राप्त करने का वैधानिक हक है। इसके लिए आवेदिका के दोनो बच्चों का नाम स्वर्गीय पति के स्थान पर नगर निगम में दर्ज करा सकती हैं। साथ ही बच्चों के बालिग होने तक उनकी संरक्षिका के तौर पर ही आवेदिका का नाम रहेगा इस कार्य मे अनावेदक देवर आवेदिका का सहयोग करने के लिए तैयार है। दोनो की सहमति के आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में उभय पक्षों को विस्तार से सुना गया। आवेदिका के पुत्र ने बताया कि रेत खनन पर पार्टनरशिप कार्य करने के लिये अनावेदकगण ने 1 लाख 70 हजार रूपये लेकर भी कार्य नहीं दिया। आयोग द्वारा अनावेदकगणों को समझाइश दिये जाने के पश्चात अनावेदक क्रमांक 2 ने आवेदिका के पुत्र को उसके गूगल पे एकाउन्ट में तत्काल 70 हजार रूपये ट्रांसफर किया और 1 लाख रूपये का चेक आयोग के समक्ष दिया जो कि 5 जनवरी 2023 को आवेदिका के पुत्र के खाते में वापस होगा। अनावेदक क्रमांक 2 इस तारीख से पूर्व नगद राशि या गूगल पे के माध्यम से आवेदिका के पुत्र के खाते में राशि देकर आयोग के कार्यालय से चेक को वापस ले सकता है। आगामी सुनवाई में इस प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।