CG NEWS : सूरजपुर। जिले में भी अब चारा घोटाला जैसा मामला सामने आया है यह ठीक वैसा ही मामला है जैसा बिहार में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते हुआ था जिस मामले में उन्हें सजा भी हो चुकी है, हालांकि सूरजपुर के सोनपुर सहकारी समिति में जो मामला है उतना बड़ा तो नहीं है लेकिन सैकड़ों किसानों के साथ छलावा है जरूर है, यहां समिति प्रबंधक ने 200 से अधिक किसानों से चारा के नाम पर ऋण देने के एवज में 2 करोड़ से अधिक की राशि का घोटाला किया है जिसकी शिकायत किसानों ने कलेक्टर से की है और जांच में घोटाला होना साबित भी हो गया है।
सूरजपुर जिले के सोनपुर सहकारी समिति में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने वाले ऋण में बड़ा घोटाला सामने आया है यहां सहकारी समिति के प्रबंधक ने किसानों से उनके दुधारू पशुओं को बेहतर चारा उपलब्ध कराने के नाम पर ऋण देने के लिए आवेदन मंगाया था लिहाजा सैकड़ों की संख्या में किसानों ने यह सोचकर आवेदन किया कि उनके मवेशियों को बेहतर चारा उपलब्ध हो सकेगा और दूध की मात्रा बढ़ेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी किसानों के आवेदन पर समिति प्रबंधक ने कूट रचित दस्तावेज से लोन स्वीकृत तो कर दिया लेकिन उन्हें नहीं मिला जो वास्तव में इसके हकदार थे, जबकि बैंक प्रबंधन और दलालों के द्वारा कुछ फर्जी दस्तावेजों के साथ गलत तरीके से लोन निकासी कर लिया गया था, किसानों की माने तो उन्होंने ऋण के लिए आवेदन तो दिया लेकिन उन्हें राशि नहीं मिली और बाद में यह पता चला की प्रबंधन ने राशि उन लोगों को दी है जिनके पास ना तो मवेशी हैं और अगर मवेशी है भी तो वह दुधारू नहीं है जिसकी शिकायत किसानों ने सूरजपुर कलेक्टर से की थी।
गौरतलब है कि साल 2020- 21 में भैयाथान ब्लाक के सोनपुर सहकारी समिति ने सैकड़ों लोगों को मवेशियों को चारा उपलब्ध कराने वाले ऋण देने के नाम पर दो करोड़ 25 लाख रुपए का हेरफेर किया है मामले की शिकायत मिलने पर सूरजपुर कलेक्टर ने जांच के लिए 4 सदस्यों की एक टीम बनाई कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने मामले की जांच की जिसमें यह उजागर हो गया कि समिति प्रबंधक ने जो लोन दिया है वह फर्जी है.
इसे भी पढ़े- MP News : ‘मोदी को मारो’ विवादित बयान देने वाले कांग्रेस नेता राजा पटेरिया गिरफ्तार
एसडीएम ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने पर एक एक घर में जांच की गई जहां पाया गया कि जो पशुधन योजना से मवेशियों को चारा उपलब्ध कराने के नाम पर ऋण दिया गया, वह हितग्राही पात्र नहीं थे जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिन किसानों को चारा के नाम पर ऋण दिया गया उनके यहां दुधारू मवेशी भी नहीं थे, और जहां थे उनकी संख्या कम थी, जांच रिपोर्ट आने के बाद एसडीएम ने भी स्वीकार किया है कि सोनपुर समिति में चारा घोटाला हुआ है जिसकी करवाई की जाएगी।
बहराल कलेक्टर के द्वारा बनाए जांच दल ने यह स्वीकार किया है कि सोनपुर में चारा के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है अंतिम जांच रिपोर्ट आने की देरी है, वही देखने वाली बात होगी जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद दोषियों पर क्या कार्यवाही होती है।