आज सिखों के 10वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई जा रही है। सिख समुदाय में यह दिन बहुत बड़ा और खास दिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की सप्तमी तिथि पर गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है।
गुरु गोबिंद सिंह एक महान योद्धा और धार्मिक व्यक्ति थे। मुगल शासक औरंगजेब ने इनके पिता गुरु तेग बहादुर को इस्लाम धर्म कबूल करने मजूबर किया था लेकिन इन्होंने मुगलों के आगे नहीं झुके और इस्लाम धर्म कबूल करने से इंकार दिया। तब औरंगजेब ने नवंबर 1675 में इनका सिर कलम कर दिया था। तब गुरु गोबिंद सिंह को मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में सिंह धर्म के 10वें गुरु पर आसीन हुए। गुरु गोबिंद सिंह की जयंती( jayanti) पर प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष अरदास और लंगर का आयोजन किया जाता है।
गुरु गोविंद सिंह के जी अनमोल वचन( words)
1- भै काहू को देत नहि,
नहि भय मानत आन
गुरु के बिना किसी भी व्यक्ति को
ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती है
2- गुरु गोबिंद तुम हो प्राण प्यारे,
तुम बिन मुझे जग से कौन तार
आप ही है वो जो लोगों को,
करा दे खुशियों के वारे न्यारे