Political News : दिल्ली (Delhi) में छह जनवरी (January) को मेयर, डिप्टी मेयर और सदन की स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव होना है। उप-राज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने एमसीडी की पहली बैठक के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है। इस दौरान सबसे पहले नवनिर्वाचित सभी पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह होगा और इसके बाद मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव।
एमसीडी चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 134 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा के 104 पार्षद ही चुने गए हैं। नगर निगम में बहुमत का आंकड़ा 126 है। मतलब आम आदमी पार्टी के पास अभी बहुमत के आंकड़े से आठ पार्षद अधिक हैं। इसके बावजूद बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर मेयर के चुनाव में क्या होगा? क्या आंकड़ों के खेल में भाजपा फिर से आम आदमी पार्टी को मात देने की तैयारी में है या केजरीवाल एमसीडी में भी अपनी सरकार बनवा लेंगे? आइए समझते हैं.
कैसे होगा चुनाव?
सबसे पहले उप-राज्यपाल सदन के सबसे वरिष्ठ पार्षद को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करेंगे। इसके बाद मध्य दिल्ली के जिला जज पार्षदों को एक-एक करके शपथ दिलाएंगे। पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेयर का चुनाव होगा। मेयर जब कार्यभार संभाल लेंगे तो डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। इसके बाद स्थायी समिति के छह सदस्य भी चुने जाएंगे।
चुनाव में कितने वोटर्स डालेंगे वोट?
दिल्ली एमसीडी एक्ट के अनुसार, मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में निगम के सभी निर्वाचित पार्षद वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा दिल्ली के सभी सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसद वोटिंग के लिए अर्ह होंगे। विधानसभा के 13 सदस्यों के पास भी वोटिंग के राइट्स हैं। मतलब कुल 273 वोटर्स वोट करेंगे। अभी नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पास 134 सदस्य हैं। राज्यसभा के तीनों सदस्य भी आप के हैं। वहीं, लोकसभा के सभी सात सदस्य भाजपा से हैं।
किसका होगा मेयर?
दिल्ली एमसीडी के नतीजों के तुरंत बाद तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का बयान आया था। तब उन्होंने कहा था कि नतीजे कुछ भी हों, लेकिन मेयर भाजपा का ही होगा। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि हम विपक्ष में रहकर जनता की आवाज उठाएंगे। हालांकि, इसके बावजूद सवाल उठने लगा कि आखिर मेयर किस पार्टी का होगा? ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है।
इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘आम आदमी पार्टी को भले ही पूर्ण बहुमत मिला हुआ है, लेकिन भाजपा भी ज्यादा पीछे नहीं है। ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी के कुछ सदस्य इधर-उधर हो गए तो खेल बिगड़ भी सकता है। ये भी देखना होगा कि कांग्रेस के नौ और तीन निर्दलीय पार्षद किस ओर जाएंगे?’
प्रमोद आगे कहते हैं, ‘अभी के हिसाब से आम आदमी पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस के कुछ पार्षद भी आप के साथ जा सकते हैं। ऐसे में संभव है कि आम आदमी पार्टी अपना मेयर बनवाने में सफल रहे।’