CG News : पिछले सप्ताह हुए कुम्हारी फ्लाइओवर (Kumhari Flyover) हादसे में अपने माता-पिता को खो चुकी बच्ची को राज्य सरकार गोद लेगी। मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने लिखा, हादसे में अनाथ हुई बच्ची हम सबकी जिम्मेदारी है। हमने इस बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया है। बच्ची की समस्त जिम्मेदारी अब सरकार की है।
दरअसल 9-10 दिसंबर की रात 12 बजे के करीब कुम्हारी में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर से एक बाइक नीचे गिर गई थी। इस हादसे में रायपुर के चंगोराभाठा निवासी आजू राम देवांगन (Aaju Ram Dewangan) और उनकी पत्नी निर्मला देवांगन (Nirmala Dewangan) की मौके पर ही मौत हो गई। बाइक पर सवार 13 साल की उनकी बेटी अन्नू देवांगन (Annu Dewangan) घायल हो गई थी।
हादसे की जांच में पता चला कि निर्माण एजेंसी ने फ्लाइओवर के एंट्री पर ऐसा कोई अवरोध या साइन नहीं लगाया था, जिससे पता चले कि वह अधूरा है। रात में दुर्ग से रायपुर के लिए निकले आजूराम खतरे का अंदाजा नहीं लगा पाए और फ्लाइओवर पर चढ़ गए। 100 मीटर आगे उन्हें पुल अधूरा दिखा तो उन्होंने ब्रेक लगाया, लेकिन बाइक की स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाई और पति, पत्नी और बेटी के साथ वे नीचे गिर गए। बाद में पहुंची पुलिस ने घायल अन्नू को एम्स पहुंचाया। वहां इलाज के बाद उसको छुट्टी मिल गई है। बताया जा रहा है कि मृतक दंपती की तीन बेटियां हैं, जिसमें अन्नू सबसे बड़ी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई हुई, कंपनी ने 15 लाख दिए
इस हादसे की जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने दोषी कंपनी पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उसके बाद निर्माण एजेंसी रॉयल इंफ्रा के इंजीनियर को इसके लिए जिम्मेदार पाया गया। प्रशासन से बातचीत के बाद कंपनी ने अन्नू देवांगन को 15 लाख रुपए देने की घोषणा की। बाद में प्रशासन ने यह चेक बच्ची को दिलवाया।
फ्लाइओवर निर्माण कंपनी का सीनियर इंजीनियर गिरफ्तार
हादसे के लिए फ्लाइओवर निर्माणी कंपनी रॉयल इंफ्रा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदार बताते हुए दुर्ग पुलिस ने पिछले मंगलवार को कंपनी के सीनियर इंजीनियर पीयूष पाढ़ी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर जितेंद्र जैन, श्रेयांश जैन, प्रोजेक्ट हेड अनिरुद्ध जैन और प्रोजेक्ट मैनेजर सांतनु मलिक को भी आरोपी बनाया है।
हादसे में 3 बच्चियां हो गई अनाथ
कुम्हारी फ्लाईओवर ब्रिज में एनएच के इंजीनियर और ठेकेदार की लापरवाही से एक साथ दो जिंदगियां मौत के मुंह में समा गई थी। टेक्निकल कमी के चलते इंजीनियर्स ने भिलाई से रायपुर की तरफ जाने वाली ब्रिज को दोबारा बनाने के लिए उखड़वा दिया, लेकिन वहां वाहन न जा सके इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। इस ब्रिज से गिरकर बाइक सवार दंपती की मौत हो गई। दुर्घटना ने तीन बच्चियों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया।
इस तरह बाइक सवार ब्रिज से गिरा नीचे
जानकारी के मुताबिक 9 दिसंबर की रात 11.30 बजे आजू राम देवांगन जंजगिरी से रायपुर चंगोराभाठा अपने घर जा रहे थे। उसके साथ बाइक सीजी 04 एनवी 5125 में उनकी पत्नी निर्मला देवांगन और बेटी अन्नू देवांगन थी। आजू राम ने अपनी बाइक से भिलाई से रायपुर जाने वाले साइड के ब्रिज जा रहा था। अचानक उसने देखा कि उसके 100 मीटर आगे ब्रिज ही नहीं है। उसने बाइक को तेज ब्रेक मारी तो वह असंतुलित हो गई। इससे आजूराम बाइक लेकर अपनी बेटी के साथ ब्रिज के नीचे गिर गया और उसकी पत्नी 48 नंबर पिलर से टकराकर वहीं लटक गई। घटनास्थल पर बिखरा खून और अन्नू की डॉल ये बताती है कि दुर्घटना कितनी भीषण थी। पुलिस ने दोनों पति-पत्नी के शव को पीएम के लिए भेजा और बेटी को इलाज के लिए एम्स रेफर किया।