ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। BIG NEWS : भारत सरकार ने 104 यूट्यूब चैनलों और 45 यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक किया है. झूठी और भ्रामक जानकारी प्रदान करने के लिए इनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई. इनसे अफवाहें या भय पैदा हो सकता है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज यानी 22 दिसंबर को राज्यसभा में ये जानकारी दी. इस सप्ताह की शुरुआत में YouTube ने भारत के सुप्रीम कोर्ट, भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के चुनाव आयोग के बारे में गलत सूचना प्रसारित करने के लिए 30 करोड़ से अधिक व्यूज और 33 लाख सब्सक्राइब वाले तीन चैनलों को ब्लॉक कर दिया।
अनुराग ठाकुर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सदस्य जुगलसिंह लोखंडवाला के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. सवाल डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित होने वाली ‘फर्जी खबरों’ के प्रसार पर था. ठाकुर ने कहा कि हमने उन चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत गुमराह करने और समाज में भय और विभाजन पैदा करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि हमने 104 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है और 45 वीडियो, चार फेसबुक अकाउंट और दो पोस्ट, इंस्टाग्राम पर तीन अकाउंट, पांच ट्विटर अकाउंट और तीन पॉडकास्ट को ब्लॉक कर दिया है. हमने दो ऐप्स और छह वेबसाइटों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है. मंत्रालय देश की सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए ऐसी सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगा।
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वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के बच्चों को निशाना बनाने वाले यौन प्रकृति के भ्रामक विज्ञापनों के सवाल पर ठाकुर ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ऐसे किसी भी विज्ञापन की तुरंत पहचान की जाती है और बनाने वालों को नोटिस भेजा जाता है।
3 चैनलों पर की गई कार्रवाई
हाल ही में सरकार ने यूट्यूब से विभिन्न लोक कल्याणकारी पहलों के बारे में झूठे व सनसनीखेज दावे करने और फर्जी खबरें फैलाने के लिए तीन चैनलों पर रोक लगाने के लिए कहा था. पत्र सूचना कार्यालय (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने मंगलवार को तीन चैनलों को फर्जी खबरें फैलाने वाला घोषित किया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब को तीन चैनलों आज तक लाइव, न्यूज हेडलाइंस और सरकारी अपडेट्स को हटाने का निर्देश दिया।
एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया था कि ये चैनल दर्शकों को गुमराह करने के लिए टीवी समाचार चैनलों और उनके प्रस्तोताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि यह यकीन दिलाया जाए कि उनके द्वारा साझा की गयी खबरें प्रामाणिक हैं।