कांकेर। CG NEWS : कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कोयलीबेड़ा विकासखंड के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्यों का निरीक्षण किया. नक्सल प्रभावित इलाके के कटगांव और कामतेड़ा गांव की मेड़की नदी पर तय समय सीमा के बाद भी पुल नहीं बन पाया है. कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाई और ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने की चेतावनी भी दी. कलेक्टर की इस सख्ती के बाद अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ हैं।
गौरतलब हैं कि धुर नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा से परतापुर तक सड़क निर्माण का काम चल रहा है। सड़क बन जाने के बाद पखांजूर से कोयलीबेड़ा की दूरी 70 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। यह इलाका धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आता है। ऐसे में पुलिस और सुरक्षाबल की कड़ी निगरानी में यहां काम चल रहा है। इस मार्ग पर कटगांव और कामतेड़ा में मेड़की नदी पर कामतेड़ा में लगभग 11 करोड़ रुपए और कटगांव में करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा हैं।
अफसरों की माने तो पुल का काम 2020 में ही पूरा हो जाना था। लेकिन आज भी अधूरा पड़ा है। ऐसे में शुक्रवार को कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ग्राउंड जीरों पर चल रहे कार्यो की हकीकत जानने पहुंची। बताया जा रहा हैं कि कलेक्टर ने पहले सड़क और पुल निर्माण की विस्तार से अफसरों से मौके पर ही जानकारी ली। इसके बाद जब उन्हे तय समय से करीब 2 साल पीछे चल रहे पुल के निर्माण कार्य की जानकारी हुई तो वो भड़क गयी। कलेक्टर ने PWD विभाग के इंजीनियर को मौके पर ही जमकर फटकार लगाई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मई 2023 तक काम पूरा नहीं हुआ, तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।
कोयलीबेड़ा से परतापुर का इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। जिसके चलते यहां सड़क निर्माण के लिए कामतेड़ा और कटगांव में बीएसएफ के दो कैम्प भी खोले गए हैं। वहीं डीआरजी की टीम भी यहां लगातार सुरक्षा दे रही है। इसके बाद भी सड़क के अंतर्गत आने वाले पुल के निर्माण में देरी से कलेक्टर ने अफसरों पर जमकर नाराजगी जताई। इसके बाद कलेक्टर डॉ.प्रियंका शुक्ला परतापुर के आश्रित ग्राम महला में निर्माणाधीन माध्यमिक शाला भवन का निरीक्षण करने पहुंची। यहां पुलिस प्रशासन द्वारा जर्जर हो चुके स्कूल भवन को फिर से बनाया जा रहा है।
कलेक्टर ने इस स्कूल भवन का भी निरीक्षण किया और मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्यांए जानी। मुख्य सड़क से स्कूल तक पहुंच मार्ग बनाने, स्कूल परिसर में शौचालय का निर्माण कराने और विद्यालय परिसर में स्थित पेड़ के नीचे चबूतरा बनाने के लिए जनपद पंचायत सीईओ को कलेक्टर ने मौके पर ही निर्देशित किया गया। साथ ही प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के लिए डाईस कोड दिलाने के लिए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया हैं।