ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। CG BIG NEWS : छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद पर नया मोड़ आया है. राज्य शासन ने राजभवन को जवाब भेज दिया है. राज्यपाल ने पिछले दिनों सरकार से 10 बिंदुओं में सवाल पूछा था अब इसपर जवाब भेज दिया गया है. पर अभी भी आरक्षण बढ़ाने के विधेयक को मंजूरी मिलेगी या नहीं ये पर संशय बरकरार है. क्योंकि राज्यपाल सरकार के जवाब संतुष्ट होती हैं या नहीं अब ये सरकार के जवाब पर निर्भर करता है. लेकिन इसी बीच सर्व आदिवासी समाज ने फिर बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है।
ALSO READ : CG NEWS : राज्यपाल ने आरक्षण के मुद्दे पर की प्रेसवार्ता, बोली- अवैधानिक रूप से बढ़ाया गया आरक्षण
सरकार ने राज्यपाल को जवाब भेजा
दरअसल पिछले एक सप्ताह से राजभवन की तरफ से सरकार को भेजे गए सवाल पर जमकर सियासी बवाल मचा हुआ था. सरकार की तरफ से कहा जा रहा था कि ये वैधानिक प्रक्रिया के खिलाफ है. पर सरकार की तरफ फिलहाल जवाब भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं है फिर भी जानकारी दे दी गई है.अब राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने में देरी नहीं करनी चाहिए।
ALSO READ : RAIPUR NEWS : मुख्यमंत्री ने चक्रवर्ती राज गोपालाचारी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्प अर्पितकर किया नमन
सरकार को जवाब सार्वजनिक करना चाहिए – बीजेपी
सरकार के जवाब पर भी सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने सरकार तरफ से भेजे गए जवाब को सार्वजनिक करने के लिए कहा है. बीजेपी के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जैसा गफलत में विधानसभा में विधायक पारित करा लिया. जवाब संतुष्टिपूर्ण नहीं होंगे तो राज्यपाल क्या निर्णय लेंगी उनके विवेक के ऊपर है. ये सरकार आरक्षण नहीं चाहती है. आरक्षण के नाम पर एसटी, एससी और ओबीसी समाज को गुमराह किया जा रहा है और आगे उन्होंने कहा कि जो जवाब भेजा गया है उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
ALSO READ : CG NEWS : छत्तीसगढ़ में आरक्षण का नया विधेयक पास, अब SC 13%, ST 32%,OBC 27% और EWS का 4% का होगा कोटा
सीएम ने बीजेपी के बयान पर किया पलटवार
बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पलटवार किया है. उन्होंने बृजमोहन अग्रवाल से सवाल पूछा है. रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल वरिष्ठ सदस्य है, उनको संविधान के बारे में जानकारी है. राजभवन की तरफ से जो सवाल किए गए है वो क्या वो वैधानिक है?
ALSO READ : CG Big News : राज्यपाल उइके बोलीं – विधि सलाहकार अवकाश पर, आरक्षण विधेयक पर सोमवार को करेंगी दस्तख़त
सर्व आदिवासी समाज ने आंदोलन की दी चेतावनी
इधर, विधेयक राजभवन में 2 दिसंबर से अटका पड़ा है. इस लिए सर्व आदिवासी समाज इससे नाराज हो गया है. राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग कर रहे है और अगले महीने राजभवन घेराव की चेतावनी दे रहे है. सर्व आदिवासी समाज के चेतावनी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि अपने अधिकार के लिए पहले भी 2011-12 में प्रदर्शन किया. तब आरक्षण 20 से 32 प्रतिशत किया गया था. आज भी आरक्षण को राजभवन में रोक कर बैठे हुए है. आदिवासी समाज अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे है. कोई गलत नहीं कर रहे है।
76 प्रतिशत आरक्षण पर विवाद जारी है
गौरतलब है 19 सितंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रोजाना सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे तब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को राज्य में एसटी ओबीसी और जनरल का आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया. इसके बाद राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 76 प्रतिशत हो गया. लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है।