सेब के फल के फायदे से हर कोई वाकिफ है. इसमें सेहत का राज छिपा है. देश के पहाड़ी इलाकों में इसकी बंपर पैदावार भी होती है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा भी सेब( apple) पर टिका है।
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यह सवाल परेशान कर रहा होगा कि आखिर इस काले सेब की खेती सिर्फ तिब्बत में ही क्यों होती है? तिब्बत में यह सेब नियू नाम से भी मशहूर है. इस सेब का रंग काला इसलिए होता है क्योंकि इसपर सूरज की रोशनी अन्य जगहों की तुलना में बेहद करीब से पड़ती है।
तिब्बत देश के सबसे ऊंचें हिस्सों में गिना जाता है,
तिब्बत देश के सबसे ऊंचें हिस्सों में गिना जाता है, ऐसे में यहां फसल और फल की खेती पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती है. सूर्य की सीधी रोशनी और अल्ट्रावॉयलेट किरणों की वजह से ही इस सेब का रंग काला होता है।
लगभग 500 रुपये में एक सेब बिकता
आपको जानकर हैरानी होगी कि सेहत के लिहाज से यह सेब में लाल सेब जैसा नहीं होता. लाल सेब इसकी तुलना में ज्यादा सेहतमंद होता है. काले सेब की कीमत इसके रंग के कारण है. लगभग 500 रुपये में एक सेब बिकता है।