कोरबा। कर्ज अच्छे से अच्छे को डूबा देता है अधिक पैसे का लालच कभी अमीर को अमीर तो गरीब बना देता है ऐसे ही दिल देहला देने वाली खबर आई कोरबा से यहाँ परेशान होकर दवा कारोबारी ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद कारोबारी ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, यह घटना दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत है ।
क्षेत्र अंतर्गत जमनीपाली में स्थित साड़ा कालोनी में रहने वाले हितेश पांडेय (36) दवा कारोबारी थे। वह मेडिकल एजेंसी चलाते थे। उनकी मेडिकल एजेंसी से कई दवा दुकानो को दवाई सप्लाई होती थी। उनके पिता स्व. रामविलास पांडेय एनटीपीसी के रिटायर्ड एम्प्लाई थे। 2019 में हितेश पांडेय की शादी हुई थी। कोरबा पुरानी बस्ती में ही उनका ससुराल था।
शादी के कुछ माह बाद ही उनके पिता की मौत
उनकी दो बहनें है, जिनमे एक की काफी पहले ही शादी हो चुकी थी। जबकि छोटी बहन की शादी हितेश ने पिता के जाने के बाद पिछले साल ही बड़े धूमधाम से बिलासपुर में जाकर की थी। हितेश पांडेय का एक ढाई वर्षीय बेटा है। उनका घर दो मंजिला था, जिसमे उपर के मंजिल में हितेश पांडेय अपनी पत्नी व बच्चे के साथ रहते थे।
सट्टे की लत के चलते वह काफी रकम हारे
बताया जा रहा है कि हितेश को उसके कुछ परिचितों ने सट्टे की लत लगा दी थी। सट्टे की लत के चलते वह काफी रकम हार गया था। अपने पिता के एनटीपीसी से रिटायरमेंट पर व उनकी मौत के बाद बीमा क्लेम से उसे लगभग 50 लाख रुपये से अधिक की राशि मिली थीं। जिसे वह परिजनों के अनुसार सट्टे में हार गया था। इसके अलावा उसने कुछ माह पहले बैंक से भी लोन लिया था और अपनी पत्नी के गहनों को भी गिरवी रख दिया था। इसके अलावा बाहरी मार्केट से भी हितेश ने कर्ज उठाया था। कर्ज के बोझ तले दबकर वह लगातार परेशान रहा करता था।
सुसाइड नोट बरामद
हितेश ने फांसी लगाने से पहले बकायदा नहा धोकर पूजा पाठ करते हुए माथे पर तिलक लगाया। उसके बाद एक सुसाइड नोट लिखा जिसमे 27 तारीख की डेट के साथ सुबह दस बजे का टाइम भी दिया। सुसाइड नोट में हितेश ने लिखा है कि मैं अपने कर्जे से परेशान हूं और दिवालिया हो गया हूं, मेरे पास मरने के अलावा कोई चारा नही बचा है। साथ ही आत्महत्या के लिए खुद को ही जवाबदार बताया। अपनी माँ से माफी मांगते हुए हितेश ने लिखा है कि मम्मी माफ कर देना मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। साथ ही पत्नी आशा के लिए sorry आशा लिखा है। और बच्चे के लिए बाबू i love you लिखा है।