नारायणपुर। CG NEWS : जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि 16 दिसम्बर को रात लगभग 8 बजे किसी अनजान महिला ने महिला संरक्षण अधिकारी सखी प्रभारी को फोन के माध्यम से संपर्क कर बताया कि एक महिला राजीव चौक में भटकती हुई अवस्था में रोड पर बैठी मिली है।और अपना नाम पता नहीं बता पा रही है। महिला की खबर सुनकर भटकती अवस्था में मिली, महिला को सुरक्षित वातावरण देने हेतु तत्काल थाना नारायणपुर में फोन कर पेट्रोलिंग गाड़ी के माध्यम से महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला नारायणपुर में छोड़ने हेतु सूचित किया गया। ताकि महिला सखी में आराम कर सके। विगत 16 दिसम्बर की रात करीब 9 बजे थाना नारायणपुर की पेट्रोलिंग गाडी से भटकती अवस्था में मिली महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर में थाना नारायणपुर के माध्यम से लाया गया।
सखी में उक्त समय पर उपस्थित स्टॉफ द्वारा महिला को अंदर आने को कहा, परन्तु महिला अंदर आने को तैयार नहीं हो रही थी। सखी के स्टॉफ द्वारा महिला को अंदर लाने की बहुत कोशिश की गई, परन्तु महिला द्वारा बोली जाने वाली भाषा को स्टॉफ समझ नहीं पा रहे थे। स्टॉफ द्वारा फोन पर सूचना देने के उपरांत तेलगु भाषा जानने वाले कुछ लोगों को सखी सेंटर में रात्रि करीब 10 बजे बुलाया गया। महिला से तेलगु में बात करने पर पता चला कि वह तेलगु नहीं, बल्कि तमिल भाषा बोल रही है. बार-बार महिला को समझाने पर भी महिला अंदर जाने को तैयार नहीं थी, एवं सखी परिसर में बाहर में ही सोने का इशारा कर रही थी, बाहर में उसे इस तरह छोड़ना सही नहीं था। क्योकि ठंड भी काफी बढ़ रही थी। महिला द्वारा सखी के अंदर जाने से इंकार करने पर सखी के स्टॉफ एवं उपस्थित गार्ड द्वारा पूरी रात जागकर ड्यूटी की गई।
17 दिसम्बर को दोपहर में तमिल भाषा के द्विभाषीया को सखी सेंटर में बुलाकर महिला से द्विभाषीया की बातचीत कराई गई। उसके द्वारा पूछने पर महिला ने अपना नाम शांति बताया एवं पता नेलवेली गांव तमिलनाडु राज्य बताया, उसके अतिरिक्त महिला कुछ भी बता पाने में असमर्थ थी एवं द्विभाषीया के बताये अनुसार उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है जानकर तत्काल जिला अस्पताल से मनोरोग चिकित्सक को सखी में बुलाकर महिला का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। परीक्षण उपरांत महिला का ईलाज कराया गया. एवं द्विभाषीया के काफी समझाने पर कि वह सखी सेंटर में अंदर जाकर आराम करे, जिससे सखी सेंटर के स्टॉफ भी परेशान ना हो। महिला का कहना था कि उसे अंदर में रहना पसंद नहीं हैै, वह बाहर में ही रहना चाहती है। सखी सेंटर में कार्यरत स्टॉफ को तमिल भाषा की जानकारी नहीं होने से उस महिला की किसी भी प्रकार से सहायता करने में काफी कठिनाई हो रही थी।
विगत 17 दिसम्बर को तमिलनाडु राज्य के वन स्टॉप सेंटर का नंबर एवं चेन्नई पुलिस स्टेशन का नम्बर इंटरनेट से देखकर शांति के बारे में फोन पर चेन्नई सूचना दी गई. वहां के वन स्टॉप सेंटर के द्वारा छानबीन करने के उपरांत जिला कुड्डालोर के वन स्टॉप सेंटर से 18 दिसम्बर को महिला का विवरण मांगा गया। महिला के फोटो एवं हाथ में निशान को भेजने के उपरांत 19 दिसम्बर को पता चला कि उक्त महिला (शांति) नेलवेली गांव की है एवं उसके पुत्र का नाम मनी है. मनी का फोन नम्बर कुड्डालोर वन स्टॉप सेंटर से मिलने पर शांति के पुत्र मनी से फोन पर संपर्क करने पर पता चला कि उसकी मा का नाम शांति है एवं पिछले 20 वर्षों से लापता है। शांति की फोटो एवं हाथ के निशान को देखकर मनी अपनी मां को पहचान गया। उसके बाद शांति को उसके बेटे मनी से विडियोकॉल पर बात कराई गई। शांति अपने बेटे से बात करके काफी खुश हुई, जिसकी सूचना तत्काल जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा शांति को कुड्डालोर वन स्टॉप सेंटर सुर्बुद करने हेतु फाईल बढ़ाने को कहा गया, ताकि वह उसके गृहग्राम नेलवेली पहुच सके।
इस बीच शांति सखी सेंटर के अंदर जाकर रुकने को तैयार नहीं थी। विगत 16 से 25 दिसम्बर तक 10 दिनों तक सखी परिसर में ही चाय नास्ता एवं खाना सखी द्वारा उसे दिया जा रहा था. सखी द्वारा महिला को कपड़े एवं आवश्यक सामाग्री का किट भी उपलब्ध कराया गया। इन 10 दिनों में शांति की देखभाल उसकी सुविधा के अनुसार सखी के स्टॉफ द्वारा की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा शांति को तमिलनाडु राज्य के कुड्डालोर वन स्टॉप सेंटर में सुपुंद करने हेतु टीम तैयार किया गया। उसके पश्चात् 25 दिसम्बर को महिला बाल विकास विभाग की टीम शांति को लेकर तमिलनाडु राज्य के लिए रवाना हुई। 27 दिसम्बर को कुड्डालोर वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से शांति की पुत्री एवं बहु को सुपुंद किया गया। शांति अपने परिवार वालों से मिलकर काफी खुश थी। सखी वन स्टॉप सेंटर के अथक प्रयास से 20 वर्षाे से लापता महिला को उसके घरवालों से मिलवाया गया. जिसके बाद शांति के परिजनों ने सखी वन स्टॉप सेंटर एवं महिला बाल विकास को धन्यवाद दिया।